जूता व्यवसायी के बेटे का कर्मचारियों ने ही किया था अपहरण
जागरण संवाददाता, आगरा : जूता व्यवसायी के बेटे को उनके कर्मचारियों ने ही अगवा किया था। प्रेमिका से शा
जागरण संवाददाता, आगरा : जूता व्यवसायी के बेटे को उनके कर्मचारियों ने ही अगवा किया था। प्रेमिका से शादी को धन जुटाने को उसने फिरौती मांगी थी। कारखाने के दो और साथियों की मदद से वह बच्चे को ले गया। पकड़े जाने से डर से वह अकोला में छोड़कर भाग गया। पुलिस ने तीनों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
रकाबगंज के काजीपाड़ा निवासी जूता व्यवसायी जितेंद्र कुमार के पांच साल के बेटे दिव्यांश का गुरुवार को दोपहर घर के सामने से अपहरण हो गया था। शाम पांच बजे उसे बाइक सवार अकोला में छोड़कर भाग गया। अपहर्ता ने जितेंद्र के बड़े भाई के मोबाइल पर कॉल कर 15 लाख की फिरौती मांगी थी। इसलिए पुलिस को शक था कि घटना में कोई करीबी शामिल है। बेटे के वापस पहुंचने पर उसने बताया कि छत वाले अंकल ले गए थे। इसके बाद पुलिस ने कारखाने में काम करने वाले सभी 20 कर्मचारियों को उठा लिया। इसके बाद मामला खुल गया। पुलिस के मुताबिक, दिव्यांश दोपहर दो बजे घर से बाहर निकला था। उसे कारखाने में काम करने वाले शाहगंज निवासी लक्ष्मण ने उठा लिया। वह विकास की बाइक से दिव्यांश को लेकर उसके पास पहुंचा और उसे सौंपकर वापस कारखाने चला गया। विकास दोपहर को ही फैक्ट्री में अपनी बाइक छोड़कर मामा के पास जाने की कहकर चला गया था। बच्चे को अपनी बाइक से लेकर पहले कंपनी बाग सदर ले गया फिर मधु नगर में पहुंचा। दुकान से उसे बिस्कुट दिलवाए। घर फोन करने के बहाने उसने दुकानदार का मोबाइल लिया और जितेंद्र के बड़े भाई के मोबाइल पर कॉल कर 15 लाख फिरौती मांगी। उसके बाद वह बच्चे की हत्या करने कागारौल की ओर ले जा रहा था। पुलिस के पीछा करने की आशंका से वह डर गया और अकोला में दुकानदार के पास बच्चे को छोड़कर भाग गया। पकड़े जाने के बाद विकास ने बताया कि सदर क्षेत्र में उसकी प्रेमिका है। उसके परिजनों ने रिश्ता ठुकरा दिया था। उसी से शादी करने को रकम जुटाने को उसने अपहरण की साजिश रची थी। वह बच्चे को लेकर चला जाता और उसके साथी लक्ष्मण और मनोज फिरौती की रकम लेते। इंस्पेक्टर रकाबगंज विजय कुमार ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।