राजनीतिक, धार्मिक टिप्पणी भी है रैगिंग
जागरण संवाददाता, आगरा: जूनियर छात्र से राजनीतिक और धार्मिक टिप्पणी करना भी रैगिंग है। सीनियर के पकड़े
जागरण संवाददाता, आगरा: जूनियर छात्र से राजनीतिक और धार्मिक टिप्पणी करना भी रैगिंग है। सीनियर के पकड़े जाने पर प्रवेश निरस्त के साथ ही सजा भी हो सकती है। शुक्रवार को एसएन के एलटी वन में आयोजित बैठक में एमबीबीएस छात्रों को रैगिंग न करने के लिए चेतावनी दी गई।
एंटी रैगिंग सेल द्वारा एमबीबीएस बैच 2016 के जूनियर और सीनियर का एक दूसरे से परिचय कराया गया। डॉ. एसके कठेरिया ने रैगिंग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जूनियर छात्र से राजनीतिक, धार्मिक, क्षेत्रीय और रंग रूप को लेकर टिप्पणी करना भी रैगिंग में आता है। वहीं, पढ़ाई को लेकर की गई टिप्पणी भी रैगिंग मानी जाती है। इसके साथ ही सीनियर छात्र अपने जूनियर का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है। रैगिंग के दोषी पाए जाने पर प्रवेश निरस्त करने, 25 हजार रुपये का जुर्माना और सजा भी हो सकती है। इस दौरान छात्रों को रैगिंग से जुड़ी बुकलेट वितरित की गई। इसमें रैगिंग क्या है, क्या कार्रवाई की जा सकती है और कहां शिकायत करें, इसका विवरण हैं। वहीं, सीनियर छात्रों से रैगिंग न करने के संकल्प पत्र भरवाए गए। डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. एसके मिश्रा, डॉ. ऋचा श्रीवास्तव, डॉ. योगेश गोयल, डॉ. अंकुर गोयल आदि मौजूद रहे।
सीनियर और जूनियर छात्र एक दूसरे का सहयोग करें, अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाएं, इससे ही उनकी पहचान होगी।
डॉ. सरोज सिंह, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज