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'साइलेंट मोड' में सराफा बाजार

जागरण संवाददाता, आगरा: हमेशा चमकने वाला सराफा बाजार नोटबंदी के बाद 'साइलेंट मोड' में चला गया है। परद

By Edited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 10:23 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 10:23 PM (IST)
'साइलेंट मोड' में सराफा बाजार

जागरण संवाददाता, आगरा: हमेशा चमकने वाला सराफा बाजार नोटबंदी के बाद 'साइलेंट मोड' में चला गया है। परदे के आगे के ही नहीं बल्कि पीछे के भी सौदे ठंडे बस्ते में चले गए हैं। इसके कारण बाजार समय पूर्व ही बंद होने लगे हैं।

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आठ नवंबर को आए नोटबंदी के फैसले के बाद सराफा बाजार को बड़ा झटका लगा है। एशिया की बड़ी मंडियों में शुमार होने के बावजूद बमुश्किल गिने चुने सौदे ही हो रहे हैं। ये स्थिति तब बनी हुई है जब सहालगी सीजन उफान पर है। आभूषण कारोबारी आशीष अग्रवाल के मुताबिक मार्केट की पोजीशन काफी डाउन हो गई है। पूरा सहालग खराब हो चुका है। कारोबारी दोपहर दो बजे तक आते हैं और शाम सात बजे तक प्रतिष्ठान बंद कर चले जाते हैं। आगे भी स्थिति ठीक होने के आसार कम ही दिख रहे हैं।

सर्राफ अतुल बंसल के मुताबिक लोग इस धन संकट में दैनिक चीजें खरीदने में ही जुटे हैं। आभूषण तो गैर प्राथमिकता में आते हैं।

बडे़ सौदों पर लगा ब्रेक

एक कारोबारी ने बताया कि नोटबंदी के 12-13 दिन तक कारोबारियों ने खूब चांदी काटी थी। जमकर बड़े सौदे हुए थे। 50-60 हजार रुपये में सोने के भाव तय हो रहे थे, लेकिन अब इसमें ब्रेक लग गया है। अब मार्केट से पुराने 500 और एक हजार के नोट गायब हो गए हैं। नई करेंसी की आवक इतनी नहीं है। बाजार में आयकर विभाग का भी खौफ है।

बढ़ा कैशलेस पेमेंट का दायरा

नोटबंदी के बाद एक अच्छी बात यह हो रही है कि लोग कैशलेस पेमेंट की ओर बढ़ने लगे हैं। तनिष्क शोरूम के अनुराग बंसल के मुताबिक ग्राहकों से डेबिट-क्रेडिट कार्ड व आरटीजीएस के माध्यम से पेमेंट लिया जा रहा है। कैशलेस दायरा बढ़ने का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि 10 लाख रुपये भुगतान में महज 50 हजार रुपये ही नकदी होती है।

भाव ठीक, लेकिन ग्राहक नदारद

कारोबारियों का कहना है कि खरीदारी के लिहाज से कीमती धातुओं के दाम इस समय उपयुक्त हैं। सोना 29 हजार जबकि चांदी 41 हजार रुपये चल रही है। इसके बावजूद बिक्री नहीं है।

बिन सोने-चांदी के हो रही शादी

सर्राफ अतुल के मुताबिक सराफा बाजार पर असर पड़ने का कारण यह भी है कि लोग कीमती धातुओं को खरीदने के प्रति उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं। धन की किल्लत के चलते शादी वाले परिवार में म्यूचुअल अंडरस्टेंडिंग से काम हो रहे हैं।

बाउंस हो रहे चेक

चेक से पेमेंट लेना कारोबारियों के नुकसानदेय साबित हो रहा है। कई के चेक बाउंस हो चुके हैं।


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