बीटीसी अभ्यर्थियों का डायट पर धावा, लाठी चार्ज
जागरण संवाददाता, आगरा: बीटीसी 2015 की प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर छह दिन से हंगामा कर रहे
जागरण संवाददाता, आगरा: बीटीसी 2015 की प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर छह दिन से हंगामा कर रहे अभ्यर्थियों का आक्रोश बुधवार को फूट पड़ा। डायट पर धावा बोल पूरे कार्यालय पर कब्जा कर लिया। शीशे चकनाचूर कर दिए। दरवाजे तोड़ने की कोशिश की। गड़बड़ी की जांच कर रहे दो प्रशासनिक अधिकारियों को भी घेर लिया। इसके बाद अभ्यर्थियों की भीड़ ने एमजी रोड पर जाकर जाम लगा दिया। इस पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर जाम खुलवाया।
बीटीसी प्रवेश को मेरिट में नाम होने के बाद भी स्कूल आवंटित नहीं हो रहे जबकि कम मेरिट वालों को स्कूल आवंटन किए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों को ड्राफ्ट वापसी में देरी आदि गड़बड़ियां हो रही हैं, जिनको लेकर डायट में पिछले छह दिन हंगामा चल रहा है। बुधवार दोपहर में अभ्यर्थियों का सब्र टूट गया। लामबंद होकर डायट कार्यालय पर धावा बोल दिया। अभ्यर्थियों के तेवर देख कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग गए। आक्रोशित अभ्यर्थियों ने प्राचार्य कार्यालय पर कब्जा कर लिया। प्राचार्य इस दौरान बीना सत्या मौजूद नहीं थीं। बीटीसी कक्ष का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया। कुछ अभ्यर्थियों ने प्राचार्य आवास में बनाए अस्थाई कार्यालय को घेर लिया। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट संदीप कुमार गुप्ता और एसीएम तृतीय विनीता सिंह प्रवेश प्रक्रिया के अभिलेखों की जांच कर रहे थे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बाहर आकर कहा कि दस दिन तक मामले की जांच होगी। इस पर अभ्यर्थी फिर भड़क गए और इन्होंने लगभग चार बजे एमजी रोड पर आकर वाल्मीकि वाटिका के पास जाम लगा दिया। एसपी सिटी सुशील घुले और एडीएम सिटी धर्मेद्र सिंह ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया। काफी देर जब जाम नहीं खुला तो पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। सभी अभ्यर्थी फिर डायट पहुंच गए। यहां पर देर शाम तक जमे रहे।
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नहीं हुई छह हजार ड्राफ्ट की फीडिंग
डायट में तीन दिन से हो रहे बवाल पर डीएम गौरव दयाल ने सख्त रुख अख्तियार किया। अभ्यर्थियों के आरोपों की जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट संदीप कुमार गुप्ता व एसीएम तृतीय विनीता सिंह डायट कार्यालय पहुंचे। उन्होंने काउंसिलिंग से लेकर स्कूल आवंटन की प्रक्रिया के सभी दस्तावेज तलब किए। डायट प्राचार्या बीना सत्या से ड्राफ्ट का ब्योरा मांगा तो उन्होंने करीब 25 हजार ड्राफ्ट बताए, लेकिन कट ऑफ केवल 19 हजार ड्राफ्ट पर जारी कर दी। प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने पर प्राचार्या बीना सत्या सिटी मजिस्ट्रेट से सब कुछ सही करने के लिए मोहलत मांगती रहीं।
ये उठे सवाल
-25 हजार ड्राफ्ट पर कट ऑफ 19 हजार पर क्यों जारी?
-छह हजार ड्राफ्ट फीड क्यों नहीं हुए?
-कट ऑफ में संशोधन के लिए परीक्षा नियामक का आदेश कहां है?
-प्रक्रिया 22 सितंबर तक पूरी करनी थी तो देर कैसे हुई?
कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को स्कूल कैसे आवंटित हो गए?
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दस दिन बाद शुरू होगी प्रक्रिया
प्रक्रिया में गड़बड़ी की जांच के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। अगर मेरिट और स्कूल आवंटन में गड़बड़ी उजागर हुई तो प्रक्रिया निरस्त की जाएगी। तब तक के लिए प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। एडीएम सिटी धर्मेद्र सिंह ने बताया कि कॉलेज आवंटन के लिए एनआइसी की वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
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निजी कॉलेज संचालक रहे हावी
काउंसिलिंग से लेकर कॉलेज आवंटन तक डायट में निजी कॉलेज संचालक हावी रहे। कॉलेज संचालकों ने सीधे प्रवेश का विज्ञापन जारी कर दिया। उन्होंने अपनी मर्जी से छात्रों को अपने प्रवेश भी दे दिया।
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