Move to Jagran APP

राम सरसि बरू दुलहिनि सीता..

जागरण संवाददाता, आगरा: राम सरसि बरू दुलहिनि सीता। समधी दसरथु, जनकु पुनीता।। राजा जनक की नगरी

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 01:25 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:25 AM (IST)
राम सरसि बरू दुलहिनि सीता..

जागरण संवाददाता, आगरा:

loksabha election banner

राम सरसि बरू दुलहिनि सीता।

समधी दसरथु, जनकु पुनीता।।

राजा जनक की नगरी जनकपुरी स्वर्णिम आभा बिखेर रही थी। जनक महल रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था। रंगबिरंगे फंव्वारों से निकलती रोशनी हर किसी का मन मोह रही थी। दर्शन को जुटे श्रद्धालु तो अपलक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और सिया की मनोहर छवि निहार रहे थे। उनके समीप तो नहीं जा पा रहे, लेकिन मन ही मन दूर से ही उनकी आराधना कर रहे थे।

सोमवार को निकली रामबरात मंगलवार सुबह जनकपुरी पहुंची। कोई मार्ग ऐसा नहीं था, जहां जन-जन के आराध्य प्रभु राम के स्वागत को आतुर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा न की हो। दिन में कपिल नगर में विश्राम के बाद प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के स्वरूप राजसी श्रृंगार कर रात करीब 8 बजे घोड़ों पर विराजमान हुए। जगत जननी जानकी चांदी रथ पर विराजमान थीं। बैंडबाजों के साथ शोभायात्रा बल्केश्वर महादेव मंदिर पहुंची। जहां मंदिर के महंत कपिल नागर ने चारों स्वरूपों की आरती की। मार्ग में जगह-जगह स्वरूपों पर फूल बरसाए गए। बल्केश्वर मार्ग से होते हुए शोभायात्रा जनक महल पहुंची। सबसे पहले जानकी का डोला करीब 9:30 बजे महल पर पहुंचा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के स्वरूप रात 10 बजे के करीब जनक महल पहुंचे। जहां स्वरूपों को विराजमान कराया गया। उनकी एक झलक पाने को भीड़ उमड़ी।

श्रीराम के सिया सहित मंच पर विराजमान होने के बाद स्वरूपों की आरती उतारी गई। पद्मभूषण गोपालदास नीरज, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री रामसकल गुर्जर, मनोरंजन कर विभाग के सलाहकार विपुल पुरोहित, सर्वप्रकाश कपूर, नवीन जैन ने पहली आरती की। इसके साथ ही सिया-राम की जय से दिशाएं गूंज उठीं। जनकपुरी में भक्ति गीत गूंज उठे। दूसरी आरती राजा जनक नंदकिशोर सुगंधी के परिवार ने की। श्रीराम और सीता के दर्शनों को देर रात तक श्रद्धालु पहुंचते रहे। जनकपुरी भी प्रभु राम की चरण रज मिलने से अपने भाग्य पर इठला उठी।

जनक और दशरथ परिवार किनारे

जनकमहल पर पहली बार ऐसा देखने को मिला कि ठीक सामने अतिथियों को बैठा दिया गया। राजा जनक और राजा दशरथ के परिवार को किनारे कर दिया गया। यहां सौ-सौ सीटों के पांच ब्लॉक तय गए किए गए थे। राजा जनक, राजा दशरथ, रामलीला, जनकपुरी महोत्सव समिति और अतिथियों के लिए यह निर्धारित थे।

महल पर भूल गए ध्वज लगाना

जनक महल पर हमेशा धर्म ध्वज लगाई जाती है। महल बनकर तैयार होने के बाद ध्वज मंगलवार दोपहर तक नहीं लगा था। लोगों द्वारा आपत्ति उठाने के बाद आयोजकों ने तत्काल धर्म ध्वज लगवाए।

आज आएंगे शिवपाल यादव

जनकपुरी में बुधवार को मुख्य अतिथि सपा प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव रहेंगे। महोत्सव समिति की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कुंदनिका शर्मा ने बताया कि उन्हें मंगलवार को आना था, लेकिन अब वह बुधवार को आएंगे।

काम न आए इंतजाम

जनकपुरी में लोगों के मंच पर स्वरूपों की आरती करने से दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को दिक्कत होती थी। वह स्वरूपों को देख नहीं पाते थे। जनक मंच पर इस बार इसका ध्यान रखा गया था। स्वरूप 12 फुट, आरती करने वाले आठ फुट की ऊंचाई पर रहते। मगर सपाई रंग में रंगी जनकपुरी में यह इंतजाम भी बेकार गए। महोत्सव में हावी गुट के चहेते लोग स्वरूपों के आगे-पीछे घूमते रहे, जिस पर लोगों ने आपत्ति भी जताई। मगर उसे अनसुना कर दिया गया।

यह रहे मौजूद

राजा जनक नंदकिशोर सुगंधी, राजा दशरथ सुनील अग्रवाल, अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दर्शन लाल गुप्ता, विधायक जगन प्रसाद गर्ग, क्षमा जैन सक्सेना, वीरेंद्र गुप्ता।

किसी एक धर्म के नहीं प्रभु राम

कवि गोपालदास नीरज ने कहा कि प्रभु राम पूरे संसार के हैं। सभी के लिए उन्होंने काम किया। उन्होंने ऊंच-नीच का भेद नहीं माना। इसी को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री रामसकल गुर्जर ने कहा कि प्रभु राम किसी एक धर्म के नहीं हैं। सभी लोगों को उनके द्वारा स्थापित आदर्शो को अनुसरण करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.