समाज कल्याण के पांच अधिकारी दोषी करार
जागरण संवाददाता, आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर आइएएस-पीसीएस प्री कोचिंग सेंटर में नियमों की जमकर धज्जियां
जागरण संवाददाता, आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर आइएएस-पीसीएस प्री कोचिंग सेंटर में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। अनुसूचित जाति के छात्रों को पढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों का चयन करने के बजाए पढ़ाई का ठेका निजी संस्थाओं को दे दिया गया है। तीन सदस्यीय समिति की जांच में पांच अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के बाद प्रमुख सचिव, समाज कल्याण मनोज सिंह ने डीएम गौरव दयाल को मुकदमा दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं।
आगरा में विभाग द्वारा संचालित कोचिंग में 2009 से 2015 के बीच अनियमितताएं को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव, मनोज सिंह ने जांच की थी। इस दौरान तैनात रहे उप निदेशक समाज कल्याण सरोज प्रसाद, उपनिदेशक अचिंत मणि भारती, जिला समाज कल्याण अधिकारी उमेश द्विवेदी तथा वर्तमान जिला समाज कल्याण अधिकारी एसएस यादव व कोचिंग संचालक गौतम कुमार को निलंबित कर दिया गया था।
इसके बाद विशेष सचिव समाज कल्याण के निर्देशन में तीन सदस्यीय टीम को जांच सौंपी गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2009-10, 2011-12 में जिन शिक्षकों को पढ़ाने की जिम्मेवारी दी गई, उनकी शैक्षिक योग्यता का कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2012-13, 2014-15 के दौरान जिन शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता उपलब्ध कराई गई है, वह अर्हता को पूरा नहीं करते हैं। यही वजह है कि शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं रही। सात साल के भीतर 1027 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया, जिसमें 64 अभ्यर्थी पास हुए हैं। 64 में से एक अभ्यर्थी ने आइएएस प्री, 11 ने पीसीएस प्री और बाकी 52 अभ्यर्थी क्लर्क की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। जांच में पाया गया कि सेंटर फॉर एम्बीशन, करियर एवेन्यूज एजुकेशन, डॉ. राम मनोहर लोहिया शिक्षा समिति को पढ़ाई का ठेका मिला है। वह शासन के आदेश का उल्लंघन है। इसके लिए पांच अधिकारी दोषी मिले हैं। उधर, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण मनोज सिंह ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे के आदेश दिए हैं।
जांच करने वाली टीम में सहायक लेखाधिकारी, मुख्यालय जेपी तिवारी व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, आगरा केपी सिंह शामिल हैं।
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प्रदेश के सभी केंद्रों की होगी जांच
आगरा: आइएएस-पीसीएस प्री कोचिंग सेंटर में हुआ खेल कहीं प्रदेश के अन्य सेंटरों पर तो नहीं चल रहा है। अब इसकी जांच कराई जाएगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक सुरेंद्र विक्रम ने सभी उप निदेशकों को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उनके सेंटरों पर पढ़ाई का ठेका कहीं निजी संस्थाओं को तो नहीं दिया गया है, अगर ऐसा हुआ है तो यह नियमों के विरुद्ध है। जो भी दोषी अधिकारी हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।