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इलाज को हुआ मर्ज, भटकते हैं मरीज

जागरण संवाददाता, आगरा : जिला अस्पताल। समय : दोपहर के 12.40 बजे। बंदर काटे के मरीज एंटी रैबीज इंजे

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 01:21 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:21 AM (IST)
इलाज को हुआ मर्ज, भटकते हैं मरीज

जागरण संवाददाता, आगरा :

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जिला अस्पताल। समय : दोपहर के 12.40 बजे। बंदर काटे के मरीज एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे तो कर्मचारी ने उन्हें बताया कि इंजेक्शन खत्म हो गए हैं। इस पर मरीज परेशान हो गए। कर्मचारियों से तकरार हुई। कर्मचारी बोला दो मरीजों को मिलकर इंजेक्शन खरीद कर ले आओ। मरीज बाहर से इंजेक्शन खरीद कर लाए, तब जाकर इंजेक्शन लगे।

आवारा आतंक के शिकार लगभग 250 लोग हर रोज एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचते हैं। सबसे अधिक बंदर काटने, कुत्ता काटने, घोड़ा सहित अन्य जानवरों के काटने के मरीज होते हैं।

अस्पताल प्रशासन की एक हजार इंजेक्शन की डिमांड के बदले 270 इंजेक्शन भेजे गए। मंगलवार सुबह इंजेक्शन लगाने का काम शुरू हो गया। कुछ घंटे के बाद ही इंजेक्शन खत्म हो गए। यह देख मरीजों ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन कर्मचारियों ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। अधिकारियों ने भी इंजेक्शन का स्टाक खत्म होने की बात कही। इसके चलते मरीजों को मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीद कर लाने पड़े। वहीं इस साल अब तक 50 हजार लोगों के इंजेक्शन लग चुके हैं।

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चौपट हो जाता है काम-धंधा

कैंट निवासी शिवेंद्र सिंह ने बताया कि दस सितंबर को घर के बाहर बंदर ने काट लिया था। 13 सितंबर की सुबह आठ बजे इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे। ओपीडी में पर्चा बनवाने में चालीस मिनट का समय लगा। दोपहर 12 बजे इंजेक्शन लगा। इंजेक्शन लगवाने के चक्कर में काम-धंधा चौपट हो गया। शमसाबाद रोड निवासी गीता देवी ने बताया कि बेटी पिंकी को एक सितंबर को घर के बाहर खेलने के दौरान कुत्ते ने काट लिया था। पांच घंटे के इंतजार के बाद इंजेक्शन लगा था।

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न बरतें लापरवाही

वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके गुप्ता का कहना है कि अगर बंदर या फिर कुत्ता काट लेता है तो कई बार इंजेक्शन लगवाने में लोग लापरवाही बरतते हैं। जो खतरनाक साबित हो सकता है। समय रहते टीके न लगने से संक्रमण फैलने लगता है।

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जरा इनका सुनें दर्द

- जिला अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाना जंग जीतने जैसा है। साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद इंजेक्शन लगा था।

हरी सिंह, रामनगर

- इंजेक्शन लगवाने के लिए काफी परेशान होना पड़ा। तब जाकर इंजेक्शन लगा था।

हिम्मत, हिम्मतनगर

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- एक हजार एंटी रैबीज इंजेक्शन की डिमांड भेजी गई थी, जिसमें 270 इंजेक्शन ही मिले थे। अब फिर से डिमांड भेजी गई है।

डॉ. आरके शर्मा, प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल


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