अनुपम स्वरूप-अलौकिक छटो
जागरण संवाददाता, आगरा: भगवान श्रीराम की बरात हो तो दिव्यता और भव्यता का संगम होना लाजिमी है। स्वर
जागरण संवाददाता, आगरा: भगवान श्रीराम की बरात हो तो दिव्यता और भव्यता का संगम होना लाजिमी है। स्वरूपों की पोशाकों को आकर्षक लुक देने के लिए पहली बार महिलाओं ने अपने हुनर को उड़ेला। कमेटी से जुड़ी हुईं इन महिलाओं के निर्देशन में तैयार हुई ये पोशाक चांदी के तारों से सुसज्जित थीं। बिजली की रोशनी पड़ते ही इन पोशाकों की झिलमिलाहट आंखों को चकाचौंध कर रही थी। स्वरूपों के कंधों पर लगाई गई रूई ने मुकुट के वजन का आभास नहीं होने दिया।
भगवान राम के स्वरूप के लिए ड्रेस रावतपाड़ा निवासी करिश्मा गोस्वामी ने तैयार की। इसमें पोशाक पर फ्रंट में चांदी के तार से काम कराया गया था। रोशनी पड़ने पर ये पोशाक झिलमिलाती रही।
बेलनगंज निवासी निधि अग्रवाल ने लक्ष्मण की पोशाक में ऐसा ही कुछ विशेष किया। उन्होंने धोती को इस तरह से डिजायन करवाया था, जिससे उनको चलने और बैठने में दिक्कत न आए।
भरत और शत्रुघ्न की पोशाक को अपने हुनर से आकर्षक बनाने वालीं कचहरी घाट निवासी एकता गौतम ने बताया कि प्रभु के विवाह के लिए वस्त्र तैयार कराने में परिवार में ही आयोजन का अहसास था। पोशाक को आकर्षक दिखने के लिए उसमें नग लगाए गए हैं।
कमलानगर निवासी रश्मि बंसल का कहना था कि भारी मुकुटों का वजन स्वरूपों के कंधों पर होता है। उनको देर तक मुकुट पहनने में कष्ट होता है। इसलिए कंधों पर ड्रेस को ऐसा डिजायन किया गया, जिससे थकावट कम हो। कंधों पर लगी रुई ने भी स्वरूपों को मुकुट के वजन का आभास नहीं होने दिया।