उपनगर आयुक्त से धोखे में कराए हस्ताक्षर
जागरण संवाददाता, आगरा: फर्जी तरीकेसे कॉलोनी हस्तातरण कर बंधक प्लाट बेचने के मामले में नया मोड़ आ गया
जागरण संवाददाता, आगरा: फर्जी तरीकेसे कॉलोनी हस्तातरण कर बंधक प्लाट बेचने के मामले में नया मोड़ आ गया है। उप नगर आयुक्त ने स्वीकार कर लिया है कि संबंधित दस्तावेजों में जो हस्ताक्षर है, वह उनके ही हैं, लेकिन बाबू ने उन्हें धोखे में रखकर हस्ताक्षर करवाए। करोड़ों के घोटाले में अब सब कुछ साफ नजर आने लगा है, मगर पता नहीं किस दबाव में नगर आयुक्त या अपर नगर आयुक्त की ओर से कार्रवाई का चाबुक नहीं चल पा रहा है।
दरअसल, एडीए द्वारा स्वीकृत कई कॉलोनियों को बिना विकास कार्य कराए नगर निगम को फर्जी तरीके से हस्तांतरित किया गया। कई कॉलोनियां तो ऐसी भी हैं, जो निगम की सीमा में भी नहीं थीं। पिछले दिनों दैनिक जागरण ने इस मामले का खुलासा किया था। अपर नगर आयुक्त इसकी जांच कर रहे हैं। जांच में सामने आया है कि कई कॉलोनियों का हस्तांतरण उप नगर आयुक्त अनिल कुमार के हस्ताक्षर से हुआ है। इस संबंध में उप नगर आयुक्त ने अब बड़ा खुलासा किया है। अपने जवाब में उन्होंने कहा है कि हस्ताक्षर उनके ही हैं, मगर सभी हस्ताक्षर धोखे से कराए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चीफ इंजीनियर कार्यालय में तैनात और हाल में रिटायर हुए बाबू अशोक शर्मा ने उन्हें अंधेरे में रखकर इन दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवा लिए। गौरतलब है कि अशोक शर्मा को कॉलोनी हस्तांतरण घोटाले का मुख्य खिलाड़ी बताया जा रहा है, मगर जिस तरीके से अफसरों ने अब तक उसका बचाव किया है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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अब तक पांच कॉलोनियों का हुआ खुलासा
आगरा: अपर नगर आयुक्त की जांच में अब तक छह कॉलोनियों के फर्जी हस्तांतरण का मामला सामने आ चुका है। अपर नगर आयुक्त ने लक्ष्मी कुंज सहकारी आवास समिति द्वारा विकसित सरस्वती वाटिका, सरस्वती वाटिका एक्सटेंशन, सरस्वती नगर फेज-2, रामजी सहकारी आवास समिति द्वारा विकसित एमके पुरम और केनरा बैंक कर्मचारी सहकारी समिति द्वारा विकसित विवेकानंदपुरम को नोटिस भेजा गया है। कहा गया है कि सभी कॉलोनियां निगम सीमा से बाहर हैं। विकासकर्ताओं से जवाब मांगा गया है।