वॉल टेक्सचर के मुताबिक सजाएं घर
जागरण संवाददाता, आगरा: अकसर सुना होगा कि दीवारें बोलती हैं। इनके खिलने या बोलने का अंदाज क्या हो, यह
जागरण संवाददाता, आगरा: अकसर सुना होगा कि दीवारें बोलती हैं। इनके खिलने या बोलने का अंदाज क्या हो, यह बताया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन एंड आर्ट्स की डिजाइनर्स ने। आइफा द्वारा मंगलवार को इंटीरियर के स्टूडेंट्स ने पैटीना-2016 का आयोजन किया। इसमें वॉल टेक्सचर के डिजाइन की प्रदर्शनी लगाई गई।
छात्राओं ने ऑफिस, ड्राइंग रूम, बेड रूम, किड्स रूम आदि के लिए अलग-अलग तरह के टेक्सचर बनाए थे। खास बात यह थी इन्हें वेस्ट मैटेरियल से तैयार किया गया था। कार्ड, रस्सी, वेस्ट पेपर, घास, फॉइल आदि का प्रयोग कर हाइलाइर्ट्स तैयार किए थे। संस्थान की इंटीरियर फैकल्टी साक्षी गर्ग के निर्देशन में प्राक्षी, रेनू, माधवी, मेघना, रिया, अर्पिता आदि ने बेहतरीन काम किया। प्रदर्शनी का शुभारंभ संस्था के निदेशक सचिन सारस्वत ने किया। सीओओ रुचि सारस्वत ने डिजाइनर्स के उज्जवल भविष्य की कामना की। हिना, आर्ची, इशा का सहयोग रहा।
ये टेक्सचर रहे खास
भुंट्टे के छिलकों को रंगकर उनसे दीवार सजाने की कोशिश छात्राओं ने की। प्राक्षी और रिया ने टुथपिक का प्रयोग करके कमर्शियल टेक्सचर तैयार किया। रेनू ने लकड़ी और कपड़े का प्रयोग किया। अर्पिता, मेघना और माधवी ने अखबार की नाव तथा हाउसलाइट तैयार किए। फेवीकोल इफेक्ट, स्टोर तथा रबरबैंड के प्रयोग से बनाए टेक्सचर भी प्रभावी रहे। बच्चों के कमरे के लिए पंख, थरमाकोल और रंगों की सहायता से राजकुमारी बनाई गई थी। शेविंग क्रीम के झाग में रंग मिलाकर भी अनोखा टेक्सचर भी चर्चा का केंद्र रहा।