फर्जी तरीके से 60 करोड़ की जमीन के बैनामे का प्रयास
जागरण संवाददाता, आगरा: सावधान, अगर आपके पास जमीन है तो उसकी अच्छी तरीके से देखभाल करें। कहीं ऐसा न ह
जागरण संवाददाता, आगरा: सावधान, अगर आपके पास जमीन है तो उसकी अच्छी तरीके से देखभाल करें। कहीं ऐसा न हो कि जमीन भले ही आपकी रहे, लेकिन फर्जी तरीके से कोई उसका बैनामा कर दे। मंगलवार को नेशनल हाईवे के किनारे 60 करोड़ रुपये की जमीन के बैनामे का प्रयास किया गया। जाली दस्तावेज बनाए गए और फिर विक्रेता पक्ष की फर्जी आइडी भी, लेकिन उप निबंधक, द्वितीय कार्यालय की सतर्कता ने फर्जी आइडी लेकर आए लोगों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। फर्जी विक्रेता-क्रेता कार्यालय से भाग खड़े हुए।
सुखदेव, दिल्ली निवासी मनमोहन शास्त्री पुत्र श्याम स्वरूप शर्मा की नेशनल हाईवे के किनारे 13 बीघा जमीन है। यह जमीन हेरिटेज होंडा के शोरूम के समीप है। करीब आधा बीघा जमीन हाईवे के चौड़ीकरण में अधिग्रहीत हो चुकी है। जमीन की रखवाली के लिए मनमोहन ने सिक्योरिटी गार्ड रखे हुए हैं। जमीन की कीमत 60 करोड़ रुपये है। दो साल पूर्व जमीन को बेचने का प्रयास किया गया था। तब फर्जी आधार कार्ड, मनमोहन शास्त्री के नाम का पासपोर्ट व दस्तावेज तैयार किए गए थे। इस पर मनमोहन ने दिल्ली में जाली दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। सूत्रों के अनुसार मंगलवार दोपहर करीब एक बजे मनमोहन शास्त्री का पासपोर्ट लेकर तीन व्यक्ति उप निबंधक कार्यालय, द्वितीय पहुंचे। एक व्यक्ति ने खुद को मनमोहन शास्त्री बताया और साढ़े 12 बीघा जमीन को बेचने की बात कही। कर्मचारियों ने जब क्रेता पक्ष का नाम व आइडी सहित अन्य जानकारी मांगनी शुरू की तो इससे लोग घबरा गए। कार्यालय के एक कर्मचारी ने इसकी जानकारी मनमोहन शास्त्री के मैनेजर सर्वेश शर्मा को फोन पर दी। यह देख फर्जी जमीन का बैनामा करने आए लोग मोबाइल पर बात करने का नाटक करने लगे। जाली पासपोर्ट को वह मेज पर भूल गए और फिर कार्यालय से बाहर आ गए। मैनेजर सर्वेश शर्मा ने बताया कि दो साल के भीतर तीन बार जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का प्रयास किया गया है। इसी के चलते इसकी शिकायत उप निबंधक, कार्यालय द्वितीय में की थी। जिससे अगर कोई बैनामा करने का प्रयास करता है तो समय रहते इसकी जानकारी मिल सके।
कैसे बना फर्जी पासपोर्ट व आधार कार्ड
मैनेजर सर्वेश शर्मा ने बताया कि उप निबंधक कार्यालय में मनमोहन शास्त्री के नाम का पासपोर्ट मिला है। पूर्व में एक आधार कार्ड भी बनवाया गया था।
- बैनामा करने के दौरान क्रेता-विक्रेता की आइडी की जांच की जाती है। जिससे फर्जी बैनामा को रोका जा सके।
वीके पांडेय, सहायक महानिरीक्षक निबंधन।