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मनरेगा और आजीविका मिशन में गड़बड़ी

जागरण संवाददाता, आगरा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और राष्ट्रीय आजीविका मिश

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 02:30 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 02:30 AM (IST)
मनरेगा और आजीविका मिशन में गड़बड़ी

जागरण संवाददाता, आगरा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और राष्ट्रीय आजीविका मिशन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। दोनों योजनाओं के उपायुक्त लापरवाही बरत रहे हैं। इस पर प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास दीपक त्रिवेदी ने जांच के आदेश दिए हैं।

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प्रमुख सचिव ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मनरेगा की निगरानी में लापरवाही बरती जा रही थी। ग्रामीणों को जिस तरीके से कार्य मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा था। इस पर प्रमुख सचिव ने उपायुक्त, मनरेगा को आदेश दिए कि आगामी छह माह की कार्य योजना भेजी जाए, जिसका सत्यापन कराया जाएगा। उन्होंने अफसरों को कार्यशैली में सुधार के आदेश दिए। राष्ट्रीय आजीविका मिशन की प्रगति भी अच्छी नहीं रही। मिशन के उपायुक्त द्वारा ठीक तरीके से कार्य नहीं किया जा रहा था। इसके चलते जिस तरीके से योजना का लाभ मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पा रहा था। प्रमुख सचिव ने कहा कि 31 मार्च तक कार्य पूर्ण न होने पर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में अफसरों ने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आवास योजना के तहत शेष आवासों के निर्माण के लिए 6.41 करोड़ रुपये मिल गए हैं, इससे निर्माण कार्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रमुख सचिव ने सरकारी ट्यूबवेल के भौतिक सत्यापन के आदेश दिए। उन्होंने डीएम से कहा कि मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट भेजी जाए। वहीं, इससे पूर्व सुबह दस बजे प्रमुख सचिव ने तहसील सदर का निरीक्षण किया, जहां पर नवनिर्मित बिल्डिंग को देखा। फिर उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली अहीर, क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय, ताजगंज प्रोजेक्ट में कराए जा रहे कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम पंकज कुमार मौजूद रहे।

टीटीएसपी में हुआ घपला

बैठक में जल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि वर्ष 2011-12 में जो टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट लगाई गई थीं, उसमें फर्जीवाड़ा हुआ है। गबन का मामला निकलने पर शासन स्तर से ही दर्जन भर मुख्य अभियंताओं को आरोपित किया गया है।

और बदलनी पड़ीं तीन गाड़ियां

ताजगंज प्रोजेक्ट के निरीक्षण में प्रमुख सचिव ने तीन गाड़ियां बदलीं। वह इनोवा से शिल्पग्राम पहुंचे। फिर डीएम की कार में बैठे, वहां से गोल्फ कार्ट और फिर डीएम की कार में बैठे। प्रमुख सचिव सहित अन्य अफसर जिस गोल्फ कार्ट में बैठे, उसके ड्राइवर ने बैटरी न होने की शिकायत की। यह सुन अफसर सन्न रह गए।


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