बीएड फर्जीवाड़े में फंसे अधिकारी को 'डिमेंशिया'
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि के बीएड फर्जीवाड़े में विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच आगे बढ़ रही
जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि के बीएड फर्जीवाड़े में विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच आगे बढ़ रही है, बड़े-बड़े बहाने हो रहे हैं। मामले में फंसे एक अधिकारी को तो कुछ याद ही नहीं आ रहा। वह कह रहे हैं कि याददाश्त कमजोर हो गई है, यानी डिमेंशिया हो गया है। मगर, उनका मेडिकल नहीं मिला है। उन्हें भी नोटिस जारी किया गया है।
विवि के बीएड सत्र 2004-05 फर्जीवाड़े में आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है। विवि के कनिष्ठ लिपिक रणवीर सिंह को एसआइटी ने जेल भेज दिया है। वहीं, दो कर्मचारियों के वारंट जारी हुए हैं। इस मामले में आरोपी बनाए गए एक वरिष्ठ अधिकारी को भी नोटिस भेज है। मगर, वो एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए हैं। बीएड फर्जीवाड़े में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है, उनके कार्यकाल में ही फर्जीवाड़ा हुआ था। एसआइटी द्वारा बीएड फर्जीवाड़े में एक दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाना है। इसके लिए सुबूत जुटाए जा रहे हैं।
एसआइटी जांच अधिकारी का कहना है कि एक अधिकारी को डिमेंशिया होने की जानकारी दी गई है, लेकिन उनकी तरफ से कोई मेडिकल नहीं मिला है। मेडिकल मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
पूर्व कुलसचिव शिवपूजन से पूछताछ
गोरखपुर विवि के कुलसचिव शिव पूजन को भी आरोपी बनाया गया है। वो अंबेडकर विवि में कुलसचिव के पद पर रह चुके हैं। एसआइटी ने उन्हें आजमगढ़ से हिरासत में लिया है। टीम उनसे पूछताछ कर रही है। शिवपूजन की घोटाले में पूरी भूमिका मानकर चल रही एसआइटी लंबे समय से उनकी तलाश में थी।