गंगाजल की कमी से बिगड़ा यमुना का हाल
जागरण संवाददाता, आगरा: गंगा-यमुना का मिलन गड़बड़ाया और शहर परेशान हो गया। प्रदूषण से कराहती यमुना को
जागरण संवाददाता, आगरा: गंगा-यमुना का मिलन गड़बड़ाया और शहर परेशान हो गया। प्रदूषण से कराहती यमुना को हरनाल एस्केप से बहुत कम गंगाजल मिल रहा है। यमुना के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। शोधन के लिए अधिक रसायन के प्रयोग से आपूर्ति किए जाने वाले पानी का रंग बदल गया है।
यमुना में प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक है कि उसका असर कम करने के लिए अपर गंगा कैनाल की मांट ब्रांच के हरनाल एस्केप से गंगाजल मिलाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि यमुना में 150 क्यूसेक गंगाजल मिलाया जाए। इतनी मात्रा तो तो कभी नहीं मिली, लेकिन 100 क्यूसेक के आसपास जरूर मिला दिया जाता है। पिछले महीने कैनाल की सफाई के लिए गंगाजल की आपूर्ति रोक दी गई। इससे यमुना जल की गुणवत्ता प्रभावित हुई थी। नहर चालू होने के बाद उम्मीद थी कि अब स्थिति सुधरेगी, मगर संकट बरकरार है। शहर की जलापूर्ति का मुख्य स्रोत यमुना ही है। कई दिन से हरे रंग का गंदा पानी नलों में आ रहा है।
रोगों की आशंका जताते हुए शनिवार को सामाजिक संस्था प्रकृति प्रेम के शिविर में लोगों ने शिकायत भी की। नमूनों के साथ अधिकारियों को पत्र लिखे हैं। जलकल विभाग भी मजबूरी जता रहा है। बताया गया है कि 150 क्यूसेक की बजाए इन दिनों हरनाल एस्केप से मात्र 50-60 क्यूसेक गंगाजल ही मिल रहा है। इसकी वजह से परेशानी आ रही है। शोधन के लिए रसायनों की भी कुछ मात्रा बढ़ाई गई है, जिससे रंग हरा हो गया है।
जलसंस्थान की महाप्रबंधक मंजू रानी गुप्ता के अनुसार गंगाजल कम मिलने से यमुना के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। आपूर्ति बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। जनता की शिकायतें मिली हैं। पानी को शोधित करके ही आपूर्ति की जा रही है।'