ब्लड का संकट, शिविर पर रोक
जागरण संवाददाता, आगरा: ब्लड बैंक खाली होने लगे हैं। निजी बैंकों को शिविर के लिए अनुमति न मिलने से ब्
जागरण संवाददाता, आगरा: ब्लड बैंक खाली होने लगे हैं। निजी बैंकों को शिविर के लिए अनुमति न मिलने से ब्लड का संकट मंडराने लगा है। मरीज के परिजनों को भटकना पड़ रहा है। कई बार रक्तदाता होने के बाद भी मरीज के ग्रुप का ब्लड नहीं मिल पा रहा है।
निजी ब्लड बैंकों के लिए परिसर से बाहर शिविर लगाने पर रोक है। ऐसे में शिविर लगाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। सर्वाधिक ब्लड का इस्तेमाल होने पर स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, उप्र ने समर्पण ब्लड बैंक को शिविर लगाने की अनुमति दे दी थी। यह अनुमति पिछले महीने खत्म हो चुकी है, इसके बाद से अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके चलते स्टॉक कम होता जा रहा है। जिन मरीजों के पास रक्तदाता नहीं हैं, उन्हें ब्लड नहीं दिया जा रहा है।
थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए संकट
थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चों को हर महीने ब्लड चढ़ाया जाता है। इन बच्चों के लिए समर्पण ब्लड बैंक द्वारा निश्शुल्क ब्लड दिया जा रहा है। ब्लड की कमी होने से बीमारी से पीड़ित 90 बच्चों के ब्लड का इंतजाम करने में समस्या हो रही है।
निजी ब्लड बैंक के अपने परिसर से बाहर शिविर लगाने पर रोक है। इस तरह के शिविर लगाने के लिए अनुमति दी जाती है। मगर स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने अनुमति देना बंद कर दिया है।
पीके मोदी सहायक औषधि आयुक्त
शिविर लगाने से ब्लड का स्टॉक रहता है, इससे रक्तदाता न होने पर ब्लड देने में समस्या नहीं आती है। अनुमति न मिलने से समस्या हो रही है।
अरविंद आचार्य, मैनेजर समर्पण ब्लड बैंक
ब्लड की मांग बढ़ गई है। इसके लिए ग्रुप के सदस्यों द्वारा कई बार ब्लड बैंक जाकर रक्तदान करना पड़ रहा है।
रघुवीर सिंह, जीवनरक्षक ग्रुप