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हथिनी मिआ व सीता को मिला नया ठिकाना

जागरण संवाददाता, आगरा: तमिलनाडु के सर्कस से आजाद हुई हथिनी मिआ व सीता को नया ठिकाना मिल गया है। शुक्

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 01:53 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 01:53 AM (IST)
हथिनी मिआ व सीता को मिला नया ठिकाना

जागरण संवाददाता, आगरा: तमिलनाडु के सर्कस से आजाद हुई हथिनी मिआ व सीता को नया ठिकाना मिल गया है। शुक्रवार को देश की पहली अत्याधुनिक हाथी एंबुलेंस से हाथी संरक्षण गृह चुरमुरा, मथुरा पहुंचीं। गृह में अब हाथियों की संख्या 17 हो गई है।

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देश में 67 हाथी ऐसे हैं, जो सर्कस में हैं। इन्हें आजाद कराने के लिए वाइल्ड लाइफ एसओएस हर संभव कोशिश कर रही है। पिछले दिनों तिरूवन्नामलाई, तमिलनाडु के एक सर्कस से मिआ व सीता को आजाद कराया गया। दोनों की उम्र 50 साल है। मिआ की एक आंख में मोतियाबिंद है। पिछले दोनों पैरों में जख्म हैं। सीता के आगे के दाहिने पैर में चोट लगी है। वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायन ने बताया कि छह साल के भीतर 21 हाथी आजाद कराए गए हैं। डॉ. गोचलम ने बताया कि हाथी, एंबुलेंस से दो हजार किमी का सफर तय कर यहां पहुंचे हैं। कई जगह रोड खराब थी, इससे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दोनों हथिनी को देश की पहली अत्याधुनिक हाथी एम्बुलेंस से लाया गया है। एम्बुलेंस को अमेरिका की रायटर फैमिली ने दान किया था।


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