ओपीडी में गायब मिले 87 डॉक्टर और कर्मचारी
जागरण संवाददाता, आगरा: सीएम अखिलेश यादव की प्राथमिकता में शामिल एसएन मेडिकल कॉलेज का बुरा हाल है। सी
जागरण संवाददाता, आगरा: सीएम अखिलेश यादव की प्राथमिकता में शामिल एसएन मेडिकल कॉलेज का बुरा हाल है। सीएम 19 सितंबर को आगरा आ सकते हैं। इससे पहले शुक्रवार को एसएन की नब्ज टटोलने विशेष सचिव पहुंच गए। उनके दौरे के दो घंटे बाद डॉक्टरों और कर्मचारियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान अनुपस्थित मिले 87 डॉक्टरों, रेजीडेंट और कर्मचारियों की सूची वे अपने साथ लखनऊ ले गए।
विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा जेपी त्रिवेदी सुबह आठ बजे अपनी निजी गाड़ी से प्राचार्य कार्यालय पहुंचे। वहां ताला लगा हुआ था, वे सर्जरी विभाग के सामने से होते हुए प्रमुख अधीक्षक कार्यालय पहुंचे, तो वहां भी ताला लटका मिला। इसके बाद ओपीडी में आ गए। सुबह नौ बजे ओपीडी में कुछ जूनियर डॉक्टर थे और मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। उनके पहुंचने के बाद सीनियर रेजीडेंट और डॉक्टरों का पहुंचना शुरू हुआ। यहां से वे स्त्री रोग विभाग पहुंचे, इसके बाद इमरजेंसी में गए। उन्होंने ट्रॉमा सेंटर की जानकारी ली और स्वास्थ्य सुविधाओं को देखा।
इस बीच सभी विभागों से हाजिरी रजिस्टर मंगा लिए गए। नेत्र रोग विभाग, सर्जरी, मेडिसिन के साथ पोस्टमार्टम हाउस और नई सर्जरी बिल्डिंग भी देखी। सर्जरी बिल्डिंग में टाइल्स टूटने और गंदगी पर पूछताछ की। प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि सुबह चार डॉक्टर, सीनियर रेजीडेंट, कर्मचारी सहित 87 लोग अनुपस्थित थे। इससे पहले भी अनुपस्थित मिले स्टाफ को नोटिस दिया गया था। इन सभी की सूची विशेष सचिव अपने साथ ले गए हैं। उनके आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली की बताकर आ गए एसएन
विशेष सचिव के आने का कार्यक्रम गुरुवार रात आठ बजे आ गया था। सुबह उन्हें लेने के लिए एसएन का स्टाफ टूंडला पहुंचा, लेकिन उन्होंने कह दिया कि वे दिल्ली जाएंगे। इसके बाद निजी गाड़ी से एसएन पहुंच गए, उनके आने के बाद प्राचार्य पहुंचे।
मेडिकल बोर्ड से भी डॉक्टर गायब
एआइपीएमटी के छात्रों के लिए मेडिकल बोर्ड था। विशेष सचिव के आने के बाद भी दोपहर 12 बजे तक कई विभागों के डॉक्टर नहीं आए।
एप्रिन में न होने पर फटकार
डॉक्टर सहित रेजीडेंट एप्रिन नहीं पहने हुए थे, इस पर उन्होंने फटकार लगाई। साथ ही चिकित्सकों और अधिकारियों को समय से आने और कार्य करने की हिदायत दी।
किचन में नहीं मिली दाल
किचन में उन्होंने सुबह बनाए गए खाने के बारे में पूछताछ की, उन्हें बताया गया कि दाल और रोटी बनाई गई थी। इस पर दाल दिखाने के लिए कहा, लेकिन दाल नहीं थी। विशेष सचिव ने आदेश दिए कि जो भी खाना बनाया जाए, उसकी कुछ मात्रा आठ से 12 घंटे तक रखें, ताकि अगर कोई हादसा हो जाता है तो खाने का सैंपल लेकर जांच की जा सके।