जरार में गला रेतकर मासूम की हत्या
संवाद सूत्र, बाह: कस्बा जरार में मासूम की धारदार हथियार से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारे
संवाद सूत्र, बाह: कस्बा जरार में मासूम की धारदार हथियार से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारे शव को सुनसान मकान की छत पर फेंककर फरार हो गए। पुलिस ने शक के आधार पर तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
बाह के कस्बा जरार निवासी योगेंद्र सिंह का चार वर्षीय पुत्र रंजीत मंगलवार शाम को घर से गायब हो गया था। रात को परिजनों ने उसे कई स्थानों पर तलाश किया, लेकिन पता नहीं चल सका। बुधवार सुबह मकान के बगल में बनी कोतवाली धर्मशाला की छत पर एक शिक्षक बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहे थे। इसी दौरान बंदर एक छात्र का टिफिन को उठा ले गया और खाली मकान की छत पर डाल दिया। टिफिन को देखने के लिए शिक्षक ने झांका, तो वहां मासूम रंजीत का शव पड़ा था। शिक्षक ने बालक के परिजनों को सूचना दी। परिजन और मुहल्ले के तमाम लोग पहुंच गए। मासूम के गले पर किसी धारदार हथियार और सिर पर गंभीर चोटों के निशान थे। जिस मकान की छत पर मासूम का शव पड़ा था, वह ब्रह्मचारी का बताया गया है, जो करीब बीस साल से बंद पड़ा है। मकान मालिक कानपुर में रहता है। आशंका जताई जा रही है कि मासूम की धर्मशाला में हत्या कर शव मकान की छत पर फेंका गया होगा।
मासूम की हत्या क्यों की गई? यह बात परिजनों के साथ ही पुलिस के लिए भी पहेली बनी हुई है। बालक के परिजनों ने किसी भी तरह की रंजिश से इन्कार किया है। सूचना पर सीओ बाह एनके चौधरी, एसपी ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घटनास्थल से एक चाकू और चप्पल बरामद की। मौके पर डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया, लेकिन श्वान कई बार धर्मशाला का चक्कर लगाकर वापस लौट आया। एसओ बाह ब्रह्म सिंह का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि मासूम की हत्या क्यों और किसने की है। बालक के परिजनों की ओर से तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।
बलि तो नहीं दी गई रंजीत की
मासूम की हत्या के मामले में इलाका पुलिस ने शक के आधार पर धर्मशाला मे रहने वाले तीन युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इनमें से एक युवक के कपड़ों पर खून के छींटे भी मिले। कस्बे में चर्चा है कि किसी देवी-देवता को खुश करने के लिए मासूम की बलि दी गई है। इससे पुलिस की जांच अब धर्मशाला में रहने वालों पर टिक गई है।