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यूपीटीयू- 2015 में आया 2012 का पेपर

जागरण संवाददाता, आगरा: उप्र प्राविधिक विवि (यूपीटीयू) की परीक्षा में पेपर लीक के खुलासे के बीच एक और

By Edited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 11:16 PM (IST)
यूपीटीयू- 2015 में आया 2012 का पेपर

जागरण संवाददाता, आगरा: उप्र प्राविधिक विवि (यूपीटीयू) की परीक्षा में पेपर लीक के खुलासे के बीच एक और बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विवि ने 24 मई को कराई बीटेक इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट की परीक्षा में सन् 2012 का प्रश्न पत्र रिपीट कर दिया। प्रश्न पत्र में शुरुआत से अंत तक प्रश्नों के नंबर तक भी यथावत हैं।

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यूपीटीयू में छठवें सेमेस्टर में इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट की परीक्षा में सत्र 2011-12 का प्रश्नपत्र था। परीक्षा में पहले प्रश्न के रूप में इंडस्ट्रियल डेवलमेंट मैनेजमेंट की विस्तृत जानकारी पूछी गई, जो वर्ष 2014-15 के सत्र में भी पहले ही नंबर पर है। इसी तरह अन्य प्रश्नों के क्रमांक भी समान हैं। सूत्रों का मानना है कि ऐसी गलती सामान्यत: नहीं होती। ये तभी संभव है जब यूनिवर्सिटी पेपर बनवाना ही भूल गई हो या लापरवाही के चलते पुराना पेपर रिपीट कर दिया हो। पेपर समान जारी होने की एक अन्य वजह यह हो सकती है कि विवि को पेपर सैटर ने समय से पेपर न दिया हो, ऐसे में आखिरी वक्त में पुराना पेपर दे दिया हो।

सूत्रों के अनुसार जब परीक्षार्थी पेपर देने पहुंचे तो पुराना पेपर देख चेहरे पर खुशी दौड़ गई। ओल्ड अनसोल्वड प्रश्न बैंक के आधार पर जिन विद्यार्थियों ने पुराना प्रश्न पत्र हल किया था, उन्होंने परीक्षा में सवाल आसानी से हल कर लिए।

सूत्र बताते हैं कि पांच साल से कम समय में कोई भी प्रश्न पत्र रिपीट नहीं हो सकता। पांच साल बाद भी प्रश्न पत्र के कुछ प्रश्न बदल ही दिए जाते हैं, लेकिन एक जैसा पेपर नहीं दिया जाता।

ई-मेल से पेपर भेजने में भी हो रहीं गड़बड़ियां

परीक्षा में हो रही गड़बड़ियों का मुख्य कारण ई-मेल से पेपर भेजना है। पहले नोडल सेंटर पर परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से पेपर आते थे। अब परीक्षा से एक घंटे पहले पेपर भेजे जा रहे हैं। पेपर की फोटो स्टेट कराकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाती है। इस कारण कई संस्थानों में परीक्षाएं एक से डेढ़ घंटा लेट हुईं थीं।

मुझे पेपर समान आने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पेपर रिपीट होने के बारे में किसी ने सूचना भी नहीं दी। जानकारी मिलने पर इस बारे में जांच की जाएगी।

प्रो.बीएन मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक, यूपीटीयू


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