मंदिर और झोपड़ी पर चला बुल्डोजर
जागरण संवाददाता, आगरा: मंगलम एस्टेट की दीवार ढहा पाने में नाकाम महाबली गुरुवार को मंदिरों और झोपड़ियो
जागरण संवाददाता, आगरा: मंगलम एस्टेट की दीवार ढहा पाने में नाकाम महाबली गुरुवार को मंदिरों और झोपड़ियों पर गरजा। बड़े निर्माणों को छूने में पसीना छोड़ रहे एडीए अफसरों ने बरसों पुराने महालक्ष्मी मंदिर तक पर हथौड़ा चलवा दिया। पुजारी से मारपीट का आरोप भी उन पर लगा। दूसरी ओर, सूत्र मंदिर पर हथौड़ा चलाना एडीए की साजिश बता रहे हैं, जिससे हंगामा हो और कार्रवाई रुकने से उनके चहेते निर्माणकर्ता बच जाएं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के डंडे से खौफजदा अफसर वर्ष 2013 में यमुना के डूब क्षेत्र में चिन्हित 59 अवैध निर्माणों को 2015 में ढहाने निकले हैं। दो सालों के बाद जागे अफसरों की कार्रवाई अब तक मनमानी दिशा में चल रही है। डूब क्षेत्र में ऐसे निर्माणों को तोड़ना है, जिससे बाढ़ आने की दशा में जनहानि न हो, मगर मंगलवार और बुधवार को चले अभियानों में एडीए के महाबली केवल दीवालों पर सिट पटकते रहे। गुरुवार को एडीए, पुलिस और प्रशासन का काफिला पोइया घाट पर जमा हुआ। यहां से सभी बल्केश्वर रोड पर स्थित रिटायर्ड विंग कमांडर एससी चतुर्वेदी के चौबे फार्म हाउस पर पहुंचे। यहां यमुना किनारे वाली दीवाल तोड़ी गई। फार्म मालिक के अनुरोध पर पंप हाउस का कमरा छोड़ दिया गया। फार्म मालिक ने यह कमरा खुद ही तोड़ने का आश्वासन दिया।
इसके बाद काफिला बल्केश्वर रोड पर अनुराग नगर की ओर बढ़ा। मनोहरपुर को पार करके अनुराग नगर में यमुना किनारे दर्जनों घर बने हुए हैं। एक बारगी लगा कि क्या एडीए यह दुस्साहस दिखा पाएगा, मगर महाबली का पंजा बाबूलाल की झोपड़ी पर एक बार गिरा और गरीब का आशियाना देखते ही देखते धूल और गुबार के साथ धराशाई हो गया। इसके बाद नंबर एक और गरीब का था। ईट की दीवालों पर सीमेंट की चादरें तानकर परिवार के साथ गुजर बसर कर रहे लोखन सिंह को भी अपना सामान निकालने का कुछ देर वक्त दिया गया और पलक झपकते ही महाबली ने लोखन सिंह और उसका परिवार भी झोपड़ी से निकालकर सड़क पर खड़ा कर दिया।
महाबली ने गरीब के घर के बगल में बने मंदिर को भी नेस्तानाबूद कर दिया। यहां से यमुना किनारे बने सैकड़ों मकानों और कई औद्योगिक इकाइयों पर रहम करते हुए महाबली श्मशान घाट के ठीक बगल में स्थित ताराचंद्र के प्लाट पर पहुंचा और यमुना किनारे की दीवाल ढहाई। तभी एडीए अफसरों की नजर श्मशान घाट के पास स्थित दशकों पुराने महालक्ष्मी मंदिर पर पड़ी। यहां तक महाबली नहीं जा सका, तो एडीए कर्मचारी हथौड़ा लेकर मंदिर की दीवालों को ढहाने लगे। विरोध करने पर पुजारी रमाकांत पांडे के साथ मारपीट कर दी गई।
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मंदिर तोड़ने पर गरमाया शहर, आज एडीए का घेराव
जागरण संवाददाता, आगरा: महालक्ष्मी मंदिर की दीवाल तोड़ने के खिलाफ ¨हदूवादी संगठनों और श्रद्धालुओं ने एडीए के खिलाफ जंग का एलान कर दिया है। शुक्रवार को एडीए दफ्तर को घेरने की रणनीति है।
मंदिर ट्रस्ट के राधे कपूर ने बताया कि महालक्ष्मी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करीब 108 साल पहले हुई थी, जबकि मंदिर की बिल्डिंग 200 साल से अधिक पुरानी है। पूरे क्षेत्र में मंदिर श्रद्धा और संस्कृति का केंद्र है। श्री कपूर ने आरोप लगाया कि एडीए अफसरों की मौजूदगी में मंदिर पुजारी से मारपीट हुई और 200 साल पुरानी दीवाल ढहा दी गई। कार्रवाई इस तरह से की गई कि मंदिर में महिलाओं के बीच अफरा-तफरी मच गई।
मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हो गए। थोड़ी देर में ¨हदूवादी संगठन के नेता भी पहुंच गए। विश्व ¨हदू परिषद, बजरंग दल और ¨हदू जागरण मंच के नेताओं ने घोषणा की है कि शुक्रवार को दोपहर 11 बजे घटना के विरोध में एडीए कार्यालय का घेराव किया जाएगा। साथ ही शुक्रवार से ही मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू कराया जाएगा। इस मामले में केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया से भी ¨हदूवादी नेताओं ने हस्तक्षेप की मांग की है। इस मौके पर ¨हदू जागरण मंच के विवेक शुक्ला, बजरंग दल के धर्मेंद्र असौलिया, विहिप के राजेंद्र गर्ग, अज्जू चौहान, मदन वर्मा आदि मौजूद थे।
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मंदिर में यमुना के किनारे पीपल का पेड़ काटकर अवैध निर्माण हो रहा था। हमने इसे लेकर आपत्ति की। जिसके बाद मंदिर निर्माण कर रहे मजदूरों ने ही दीवाल तोड़ी। हमने कोई तोड़फोड़ नहीं की।
राजीव दीक्षित, अधिशासी अभियंता एडीए प्रवर्तन दल