बीएसएनएल आज से भगवान भरोसे
जागरण संवाददाता, आगरा : अगर बीएसएनएल टेलीफोन या फिर मोबाइल नेटवर्क में आज से कोई कमी आ जाती है तो भग
जागरण संवाददाता, आगरा : अगर बीएसएनएल टेलीफोन या फिर मोबाइल नेटवर्क में आज से कोई कमी आ जाती है तो भगवान ही मालिक है। बात ही कुछ ऐसी है, बीस सूत्रीय मांगें पूरी न होने से नाराज अफसर व कर्मचारी सोमवार रात 12 बजे हड़ताल पर चले गए। दो दिवसीय हड़ताल से मोबाइल सेवाओं को धक्का लग सकता है।
लंबे समय से बीएसएनएल की विभिन्न यूनियन व एसोसिएशन लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। विभिन्न यूनियन ने फोरम ऑफ बीएसएनएल यूनियंस / एसोसिएशंस का गठन किया है। सोमवार को यूनियन के सदस्यों की बैठक हुई। जिसमें 21 व 22 अप्रैल को हड़ताल पर अंतिम निर्णय लिया गया। हड़ताल को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार ने हर संभव कोशिश की, लेकिन मांगों के पूरा न होने से नाराज कर्मचारियों ने हड़ताल वापसी से इन्कार कर दिया। कर्मचारियों का उत्साह तब बढ़ गया जब अफसरों ने हड़ताल का समर्थन किया। जिला सचिव एके माल्या, अरविंद यादव का कहना है कि बीएसएनएल बचाओ, राष्ट्र बचाओ के नारे को बुलंद किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल का असर मोबाइल सेवाओं पर पड़ेगा। तकनीकी कमी दूर नहीं हो सकेगी। इससे मोबाइल सेवाएं ठप हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी तारघर व बिजलीघर कार्यालय पर सुबह दस बजे से धरना देंगे। इस दौरान ब्रजेश वर्मा, ओपी गौतम, राजकुमार, कमल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
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यह है बीएसएनएल कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- बीएसएनएल को 4जी सेवाएं शुरू करनी चाहिए।
- उपकरणों की फौरन खरीद हो
- बीएसएनएल को घाटा करने वाली ग्रामीण सेवाओं की क्षतिपूर्ति।
- बीएसएनएल की सेवाओं के विस्तार के लिए वित्तीय सहायता दी जाए।
- बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय न हो।
- कोई सहायक टॉवर कंपनी नहीं-बीबीएनएल का बीएसएनएल के साथ विलय हो।
- स्टाफ की नई भर्ती।
- 1.2 मेगाहर्ट्स स्पेक्ट्रम करने की टीआरएआइ की सिफारिश रद हो।
- 6700 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम चार्जेज रिफंड हो।
- 78.2 फीसद की ग्रांट दी जाए।
- पेंशन अंशदान अधिकतम वेतन के बदले वास्तविक मूल वेतन पर हो।
- बीएसएनएल सीधे भर्तियों को तीस फीसद सेवानिवृत्त का लाभ मिले।
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बीएसएनएल एक नजर में (जिला की स्थिति)
- कुल कर्मचारी : एक हजार
- लैंड लाइन उपभोक्ता : 67 हजार।
- प्री व पोस्ट पेड उपभोक्ता : ढाई लाख