एक दर्जन भेड़ों को मार डाला
जागरण संवाददाता, आगरा: जगदीशपुरा के मगटई में सोमवार मध्य रात्रि अज्ञात लोगों ने बाड़े में बंधी एक दर्
जागरण संवाददाता, आगरा: जगदीशपुरा के मगटई में सोमवार मध्य रात्रि अज्ञात लोगों ने बाड़े में बंधी एक दर्जन भेड़ों का कत्ल कर दिया। बाड़े की पहरेदारी कर रहे किशोर को कमरे में बंद कर घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर भाग गए। घटना के पीछे रंजिश की आशंका जताई गई है।
मगटई गांव निवासी अमर सिंह पूर्व में परचूनी की दुकान करते थे। कुछ साल पूर्व उन्होंने भेड़-बकरियों का कारोबार शुरू किया था। इस दौरान करीब 70 भेड़ खरीदकर उनको गांव में अपने पुराने मकान में बाड़ा बनाकर रखा हुआ था। सोमवार की रात बाड़े में भेड़ों की रखवाली पर अमर सिंह का पुत्र कृष्णवीर (15) था। वह बाड़े में ही बने कमरे में सो रहा था।
मंगलवार सुबह लगभग छह बजे अमर सिंह की पुत्री जसोदा भाई को जगाने बाड़े पर पहुंची तो वहां का दृश्य देख उसके होश उड़ गए। बाड़े में एक दर्जन भेड़ को धारदार हथियार से काटकर मार दिया गया था। दो गंभीर रूप से घायल थीं। घटना को अंजाम देने से पहले हमलावरों ने कृष्णवीर के कमरे की कुंडी बाहर से लगा दी थी। जानकारी होने पर अमर सिंह समेत गांव के लोग मौके पर जुट गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने पशु चिकित्सकों की टीम को बुला लिया। उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद भेड़ों का गला दबाने के बाद धारदार हथियार से मारने की पुष्टि की। इंस्पेक्टर आरएन सिंह के मुताबिक मामले में रिपोर्ट दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है।
इसलिए नहीं चला कत्ल का पता
मुसीबत के वक्त भेड़ अन्य पशुओं की तरह चीखती नहीं है। वह झुंड के रूप में एकत्रित हो जाती हैं। वहां से भागने की कोशिश भी नहीं करतीं । ग्रामीणों का कहना है कि यही कारण था कि भेड़ों की हत्या का पता नहीं लग सका।
ग्रामीण मान रहे थे जंगली जानवर का हमला
भेड़ों को मारने के पीछे ग्रामीण पहले किसी जंगली जानवर का हाथ मान रहे थे। पशु बाड़े की दीवाल चार से पांच फुट ऊंची होने के कारण किसी जानवर के अंदर घुसने की उम्मीद नहीं थी। वहीं हमला किसी जंगली जानवर ने किया होता तो कृष्णवीर के दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद नहीं होती। ग्रामीण और पुलिस दोनों घटना का कारण रंजिश मान रहे हैं।