विवि वेबसाइट हैक, हजारों भरे फॉर्म बेकार
जागरण संवाददाता, आगरा: हाईटेक अंबेडकर विवि के अधिकारी टेक्नोलॉजी के लिहाज से 'जीरो' हैं। वे गोपनीय प
जागरण संवाददाता, आगरा: हाईटेक अंबेडकर विवि के अधिकारी टेक्नोलॉजी के लिहाज से 'जीरो' हैं। वे गोपनीय परीक्षा कार्य ऑनलाइन करा रहे हैं, लेकिन वेबसाइट की 'आइटी सिक्योरिटी' तार-तार हो गई। पुरानी एजेंसी ने विवि की वेबसाइट हाईजैक कर फर्जी परीक्षा फॉर्म भरवा दिए और विवि अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। बुधवार सुबह कॉलेज संचालकों से जानकारी होने पर फॉर्म भरने की प्रक्रिया रोक दी गई। अब एजेंसी पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। वेबसाइट हैक होने से फॉर्म भर चुके हजारों छात्रों को दोबारा मेहनत करनी होगी।
विवि में सत्र 2014-15 के परीक्षा कार्य के लिए नई एजेंसी से अनुबंध किया है। तकनीकी कमी के चलते एजेंसी मंगलवार से परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकी। इसी बीच सत्र 2013-14 का परीक्षा कार्य कर रही शुभ्राटेक एजेंसी द्वारा वेबसाइट को हाईजैक कर लिया गया। वेबसाइट के गोपनीय पासवर्ड से कॉलेजों के लॉग इन आइडी खोल दिए, जिससे परीक्षा फॉर्म भरने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई। ऐसे में वेबसाइट पर टकटकी लगाए बैठे कॉलेज संचालकों ने ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरना शुरू कर दिया। परीक्षा फॉर्म भरने पर फोटो अपलोड नहीं हो सके, तो इसकी शिकायत सुबह विवि के अधिकारियों से की गई। उन्होंने नई एजेंसी से संपर्क किया, तो उसने तकनीकी कमी बताई। इससे विवि अधिकारियों के होश उड़ गए। तुरंत विवि के कंप्यूटर सेल में फोन कर परीक्षा फॉर्म भरने की प्रकिया को रोक दिया गया। वहीं, एजेंसी शुभ्राटेक को ब्लैक लिस्टेड करते हुए कार्रवाई करने की कवायद चल रही है।
16 घंटे में भरे गए हजारों फॉर्म हुए बेकार
मंगलवार शाम छह बजे से वेबसाइट पर परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हुई। ऐसे में सुबह 10 बजे तक हजारों ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भर गए। विवि प्रशासन द्वारा इन फॉर्मो को फर्जी बताते हुए फिर से छात्रों के फॉर्म भरने के लिए कॉलेजों को सूचना दी जा रही है।
एजेंसी के लिए हुई डीलिंग
विवि में परीक्षा कार्य के लिए एजेंसी से अनुबंध करने में डीलिंग हुई है। सूत्रों के अनुसार विवि अधिकारियों का एक गुट पुरानी एजेंसी को अनुबंध दिलवाना चाहता था। दूसरे गुट ने इसका विरोध किया और दिल्ली की एक एजेंसी के टेंडर डलवा दिए। मगर जब एजेंसी को फाइनल करना था, तो बड़े अधिकारी ने अपना फैसला सुना दिया। आखिर में लखनऊ की एजेंसी से अनुबंध कर लिया गया। एजेंसी का नाम इन्फोलिंक बताया जा रहा है, लेकिन विवि प्रशासन ने अभी तक नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
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शुभ्राटेक एजेंसी ने पासवर्ड हैक कर परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेजों के लॉग इन आइडी खोल दिए थे। इसे रोक दिया गया है। कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल के आने पर एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए एफआइआर दर्ज कराने के लिए कानूनी राय ली जाएगी।
केएन सिंह, कुलसचिव
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अभी तक विवि प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है कि कौन सी एजेंसी कार्य कर रही है। कॉलेज संचालक परीक्षा फॉर्म के लिए दबाव बना रहे थे, हमारे द्वारा सिर्फ बीडीएस के परीक्षा फॉर्म के लिए ही लॉग इन आइडी खोली गई थी।
अतिरेक द्विवेदी, प्रोजेक्ट मैनेजर, शुभ्राटेक