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बढ़े पथकर का खामियाजा भुगतेगा पर्यटन उद्योग

जागरण संवाददाता, आगरा: पथकर बढ़ाने को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की मनमानी ताजनगरी के पर्यटन उद्योग

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)
बढ़े पथकर का खामियाजा भुगतेगा पर्यटन उद्योग

जागरण संवाददाता, आगरा: पथकर बढ़ाने को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की मनमानी ताजनगरी के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा सकती है। पूर्व में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या से पर्यटन जगत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा, मगर अब जबकि दो वर्षो से पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है, तब इसके परिणाम विपरीत होंगे।

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एडीए ने ताजमहल पर विदेशी पर्यटकों से 500 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये और भारतीयों के लिए 10 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये पथकर वसूलने का प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव को शासन द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने पर ताज देखने आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों को क्रमश: 1000 और 50 रुपये खर्च करने होंगे। जबकि इसके लिए फिलहाल 750 और 20 रुपये ही खर्च करने होते हैं। पर्यटन संस्थाएं खुलकर इसकी मुखालफत पर उतर आई हैं। दरअसल, ताज पर जनवरी, 2000 से देसी-विदेशी पर्यटकों के बीच अंतर शुरू हुआ था। तब एडीए ने विदेशी पर्यटकों पर 500 रुपये पथकर लगाया था। इसके बाद विदेशी पर्यटकों से पांच रुपये ले रहे एएसआइ ने भी 470 रुपये की टिकट कर दी थी। जिससे ताज की टिकट 970 रुपये की हो गई थी। इसका प्रभाव यह हुआ था कि आगरा से गोवा के बीच फ्लाइट शुरू करने जा रही नीदरलैंड की ओलंपिया इंटरनेशनल ने इस प्रस्ताव को ही रद कर दिया था।

उसने अधिक फ्यूल सरचार्ज, वीजा फीस और स्मारकों के अधिक प्रवेश शुल्क को जिम्मेदार बताया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा टिकट और दर कम करने के आदेश के बाद वर्ष 2001 में एएसआइ ने विदेशी पर्यटकों का अपना शुल्क 250 रुपये कर दिया था। पथकर समेत 750 रुपये का कंपोजिट टिकट लागू हुआ था।

टूर ऑपरेटर्स पर बढे़गा भार

एडीए द्वारा प्रस्तावित पथकर वृद्धि लागू होने पर इसका खामियाजा टूर ऑपरेटर्स को भुगतना होगा। दरअसल, विदेशी पर्यटक छह माह पहले ही बुकिंग करा लेते हैं। टिकट के बढे़ हुए दाम वह नहीं देंगे। इसका भुगतान टूर ऑपरेटर्स को ही करना होगा। टूरिस्ट सीजन में लगातार दो वर्ष गिरावट रहने से टूर ऑपरेटर्स इस स्थिति में नहीं हैं कि वह बढ़ी हुई दर का टिकट खरीदकर सैलानियों को दें।

वर्जन

'2000 में जब पथकर बढ़ा था, तब पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ने से अधिक प्रभाव नहीं पड़ा था। दो वर्षो से निरंतर पर्यटक घट रहे हैं। ऐसी स्थिति में पथकर बढ़ने से पर्यटन जगत को बहुत नुकसान होगा।'

-संदीप अरोरा, सचिव फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एसोसिएशंस

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'ताज पर पथकर वृद्धि का प्रस्ताव गलत है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार टिकट की कीमत कम की जानी थी। पथकर वृद्धि के बाद यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में और अधिक गिरावट आएगी।'

-शमसुद्दीन, पूर्व अध्यक्ष अप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन


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