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सीबीएसई ने कसी कमर, मिटाएगी परीक्षा का डर

जागरण संवाददाता, आगरा: परीक्षार्थियों के मन से बोर्ड का हौवा मिटाना हो या ग्रेडिंग सिस्टम के बारे

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 01:00 AM (IST)
सीबीएसई ने कसी कमर, मिटाएगी परीक्षा का डर

जागरण संवाददाता, आगरा: परीक्षार्थियों के मन से बोर्ड का हौवा मिटाना हो या ग्रेडिंग सिस्टम के बारे में विस्तार से जानकारी देना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) पहले से ज्यादा बेहतर तरीके छात्रों की काउंसलिंग करेगी। काउंसलिंग के दौरान छात्रों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए हेल्प लाइन की संख्या भी बढ़ाई जा रही हैं। इन हेल्प लाइनों पर प्रशिक्षित काउंसलर्स विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे।

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छात्रों के मन से परीक्षा का डर और तनाव दूर करने के लिए बोर्ड द्वारा हर साल हेल्प लाइन चलाई जाती है। परीक्षा से कुछ समय पहले चालू होने वाली इन हेल्प लाइन पर छात्र अपनी शंकाओं का समाधान करते हैं। बोर्ड इस बार हेल्प लाइन को ज्यादा प्रभावी बनाने पर विचार कर रहा है। खासतौर पर पहली बार बोर्ड में बैठने वाले दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के मन से एग्जामिनेशन फोबिया मिटाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें परीक्षा में राइटिंग स्किल बढ़ाने के टिप्स दिए जाएंगे। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स के कोषाध्यक्ष डॉ. गिरधर शर्मा कहते हैं बीते दिनों कोच्चि, केरल में हुई मीटिंग में इस बात पर विशेष जोर दिया गया था कि किस तरह बच्चों के मन से बोर्ड परीक्षा का हौव्वा दूर हो। इसके लिए हेल्पलाइन को एक सशक्त माध्यम बताया गया।

हेल्प लाइन पर छात्र कुछ भी पूछने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होता है। यही वजह है कि इस बार हेल्पलाइन को एक माह पहले शुरू किया जा रहा है। ऐसा करने के पीछे मंशा है कि कई बार छोटी-छोटी बातें परीक्षार्थी के मन में तनाव भर देती हैं जिससे उसका ध्यान पढ़ाई से उचट जाता है। हेल्पलाइन के नंबर बोर्ड द्वारा जनवरी में जारी कर दिए जाएंगे। सीबीएसई द्वारा स्कूलों में भी काउंसलर्स द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कराने के लिए कहा गया है।

अभिभावकों की भी होती है काउंसलिंग

काउंसलिंग की जरूरत स्टूडेंट के साथ पेरेंट्स को भी होती है। सेंट एंड्रूज स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग के दौरान आने वाले अभिभावकों की काउंसलिंग की जाती है। उन्हें बताया जाता है कि अगर बच्चा कहना नहीं मानता तो उसे किस तरह समझाया जाए।


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