Move to Jagran APP

सिकंदरा से हटाए जाएंगे कृष्ण मृग!

जागरण संवाददाता, आगरा: मुगल शहंशाह अकबर के मकबरे सिकंदरा की बड़ी रौनक छिन जाएगी। यहां की पहचान बन चुक

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 04:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:00 AM (IST)
सिकंदरा से हटाए जाएंगे कृष्ण मृग!

जागरण संवाददाता, आगरा: मुगल शहंशाह अकबर के मकबरे सिकंदरा की बड़ी रौनक छिन जाएगी। यहां की पहचान बन चुके कृष्ण मृगों को शिफ्ट किया जाएगा। वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की टीम ने इसके लिए मशक्कत शुरू कर दी है। शिफ्टिंग में दो से तीन साल का समय लगेगा। वैसे इस दौरान यहां भी मृगों को कोई परेशानी से बचाने की कोशिशें होंगी।

loksabha election banner

सिकंदरा स्मारक के उद्यान में सौ वर्ष पूर्व से हिरण रहते हैं। कुछ कृष्ण मृग भी यहां हैं। हिरणों की देखरेख में लापरवाही पर पिछले दिनों उच्च न्यायालय की टीम ने वन विभाग और वाइल्ड लाइफ को मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे संयुक्त निदेशक वाइल्ड लाइफ वन एवं पर्यावरण मंत्रालय शिवपाल सिंह सिकंदरा पहुंचे। उनके साथ प्रशासनिक, वन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी थे। टीम ने घूमकर स्मारक का जायजा लिया। संयुक्त निदेशक ने स्मारक में हिरणों की देखरेख में आ रही परेशानियों के बारे में एएसआइ के अधिकारियों से पूछा। उन्होंने पशु चिकित्सक न होने, पुलिस कॉलोनी और झुग्गी-झोंपड़ियों से स्मारक में कूड़ा फेंके जाने का मामला रखा।

इसके बाद टीम ने बैठक की। जिसमें कृष्ण मृगों को स्मारक से शिफ्ट करने का प्रस्ताव आया। इसके अलावा हिरणों की देखरेख के लिए वाइल्ड लाइफ की टीम वन विभाग को सुझाव देगी, जिसे वह एएसआइ को बताएगा। सप्ताह में एक बार पशु चिकित्साधिकारी द्वारा स्मारक में विजिट करने का प्रस्ताव भी रखा गया। सूत्रों की मानें तो वाइल्ड लाइफ दो से तीन वर्ष में स्मारक से कृष्ण मृगों को शिफ्ट कर देगी। इसके लिए स्मारक में पिंजडे़ लगाए जाएंगे। जिनमें हिरणों के लिए खाद्य सामग्री रखी जाएगी ताकि धीरे-धीरे हिरण शिफ्िटग के लिए तैयार हो सकें। हालांकि हिरणों की शिफ्िटग न्यायालय के आदेश पर ही हो सकेगी।

संयुक्त निदेशक शिवपाल सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय में 17 दिसंबर को मामले की सुनवाई होनी है। इससे पहले 12 दिसंबर को हलफनामा दायर किया जाएगा। वहीं, मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि हिरणों की संख्या जानने को गिनती कराई जा रही है। यहां तकरीबन सौ हिरण होने चाहिए।

यह रहे मौजूद

टीम के निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी राजेश कुमार श्रीवास्तव एएसआइ की उद्यान शाखा के निदेशक डॉ. हरबीर सिंह, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद आरके सिंह, मुख्य उद्यानविद् कंचन सिंह, डीएफओ ललित वर्मा, डीएफओ अनिल पटेल, सिकंदरा के संरक्षण सहायक रामरतन और उद्यानविद् डॉ. संजय सिंह मौजूद रहे।

डालते रहे लापरवाही पर पर्दा

वन विभाग के अफसर हिरणों के मामले में बरती गई लापरवाही पर निरीक्षण के दौरान पर्दा डालते रहे। रेंजर देवेंद्र कुमार ने जब वर्ष 2009 से अब तक मरे हिरणों की जानकारी टीम के समक्ष रखी तो मुख्य वन संरक्षक पीके शर्मा ने उन्हें चुप करा दिया।

2010-11 के बाद तेजी से घटे हिरण

वर्ष 2010-11 तक हिरणों की संख्या 144 थी। इसके बाद इनमें तेजी से कमी आई। रेंजर देवेंद्र कुमार ने 81 हिरणों के वर्तमान में होने की जानकारी टीम को दी।

गीदड़ों की फौज?

सिकंदरा स्मारक के उद्यान में गीदड़ों (घोदुआ) की फौज तेजी से बढ़ रही है। वाइल्ड लाइफ के बैजू एमएस ने निरीक्षण के दौरान सिकंदरा में 30-35 घोदुओं के होने की जानकारी दी। वहीं, वन विभाग के रेंजर ने इन्हें डेढ़ दर्जन बताया। बताया गया कि यह हिरणों के बच्चों के लिए खतरा बन रहे हैं, जिससे यहां केवल हिरणों के चार बच्चे ही हैं। इन्हें हटाने के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.