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चेक डिसऑनर में जूता कारोबारी को जेल

जागरण संवाददाता, आगरा: भाजपा नेता और बड़े जूता उद्यमी रिषि महाजन पर चेक डिसऑनर के मामले में कानूनी शि

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:00 AM (IST)
चेक डिसऑनर में जूता कारोबारी को जेल

जागरण संवाददाता, आगरा: भाजपा नेता और बड़े जूता उद्यमी रिषि महाजन पर चेक डिसऑनर के मामले में कानूनी शिकंजा कस गया है। अदालत में लंबे समय तक हाजिर न होने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने मंगलवार को उन्हें जेल भेज दिया।

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रिषि महाजन की मोतीलाल नेहरू रोड पर जूता फैक्ट्री है। तीन साल पहले लोहामंडी निवासी आफताब ने वहां लेदर की आपूर्ति की थी। रिषि महाजन ने इसके एवज में आफताब को 42 लाख के चेक दे दिए। कुछ और देनदारी भी थी। महाजन पर आफताब के कुल 52.5 लाख रुपये बकाया थे। खाते में रुपये न होने की वजह से चेक बाउंस हो गए। भुगतान को कई बार पंचायत हुईं, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद रिषि महाजन के खिलाफ नाई की मंडी थाने में चार मुकदमे दर्ज करा दिए गए। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद फिर स्थानीय अदालत में आया। एसीजेएम प्रथम की अदालत से आरोपी रिषि महाजन के खिलाफ वारंट जारी हुए। पिछले दिनों रिषि महाजन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, लेकिन एक पुलिस अधिकारी के मौखिक आदेश पर वे थाने से ही छूट गए। इस प्रकरण के बाद अदालत ने एसएसपी को आरोपी की गिरफ्तारी के वारंट भेजे। इन पर अमल की जिम्मेदारी सिकंदरा पुलिस को दी गई। मंगलवार को एसओ सिकंदरा आशीष कुमार सिंह ने रिषि महाजन को मोतीलाल नेहरू रोड स्थित शू फैक्ट्री से गिरफ्तार कर लिया। एसीजेएम प्रथम की अदालत ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए।

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ताजगंज में भी दर्ज है मुकदमा

भाजपा नेता रिषि महाजन के खिलाफ इसी तरह के मुकदमे ताजगंज थाने में भी दर्ज हैं। उनकी गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही वादी पक्ष के लोग दीवानी में पहुंच गए।

कानून के आगे फेल हुई चालाकी

चेक डिसऑनर का मुकदमा दर्ज होने के बाद चालाकी से चाल चली गई। वादी आफताब के अधिवक्ता रामप्रकाश मिश्रा के मुताबिक उच्च न्यायालय में रिषि महाजन ने उनकी ओर से भी वकील खड़े कर दिए। इस दौरान स्थानीय अदालत में तारीख पर हाजिर होते रहे। उच्च न्यायालय में समझौता दाखिल कर मुकदमा खत्म करा दिया। रिषि महाजन की ओर से समझौता यहां दाखिल किया गया, तब इसकी जानकारी आफताब को हुई। उन्होंने उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा तो न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया। जांच हुई तो रिषि महाजन द्वारा उच्च न्यायालय में खड़े किए गए वकील नहीं मिले। पूरा मामला खुलने के बाद स्थानीय अदालत में आरोपी रिषि महाजन के खिलाफ वारंट जारी किए, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश नहीं कर रही थी। आखिर दूसरे थाने की पुलिस से चेक डिसऑनर के आरोपी जूता कारोबारी की गिरफ्तारी कराई गई।


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