Move to Jagran APP

डॉक्टर बांट रहे हिंदी में इलाज का ज्ञान

जागरण संवाददाता, आगरा: चिकित्सा से जुड़ी किताबें इंग्लिश में है, हिंदी में क्यों नहीं? इसी जिद के साथ

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 11:00 PM (IST)
डॉक्टर बांट रहे हिंदी में इलाज का ज्ञान

जागरण संवाददाता, आगरा: चिकित्सा से जुड़ी किताबें इंग्लिश में है, हिंदी में क्यों नहीं? इसी जिद के साथ न्यूयार्क में रह रहे पटना मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर फणी भूषण दास हिंदी में आठ किताबें लिख चुके हैं। सोमवार को नागरी प्राचारणी सभा में उनकी किताबों का विमोचन किया गया।

loksabha election banner

बतौर सर्जन पटना और दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में प्रमुख पदों पर रहे फणी भूषण दास न्यूयार्क में रह रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने कैंसर पर हिंदी में किताब लिखी है। उन्होंने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) से कई बार एमबीबीएस, एमडी और एमएस में हिंदी की किताबों से पढ़ाई कराने के लिए सुझाव दिए। मगर गंभीरता से नहीं लिया गया है। जबकि हिंदी में बीमारी और उनके इलाज को अच्छी तरह समझा जा सकता है। समारोह में उनकी कैंसर, जीवनशैली, दीर्घायु जीवन और स्वस्थ्य शरीर, हृदय और हृदयावरण पुस्तक का विमोचन किया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आइएमए आगरा के अध्यक्ष डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रोफेसर फणी भूषण दास की पुस्तकों के विमोचन के लिए 29 नवंबर को दिल्ली में आयोजन होने जा रहा है। इससे पहले आइएमए, आगरा ने उनको आगरा आमंत्रित किया था। कार्यक्रम में मेयर इंद्रजीत आर्य, आइएमए, आगरा के अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. जेएन टंडन, रानी सरोज गौरिहार, श्री भगवान शर्मा, डॉ. राम अवतार शर्मा, डॉ. शशि तिवारी, डॉ. सलिल भारद्वाज आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.