पहले डिबार की संस्तुति, अब हरी झंडी
जागरण संवाददाता, आगरा: उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद के नकल विहीन परीक्षा के दावे की हवा परीक्षा से पहल
जागरण संवाददाता, आगरा: उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद के नकल विहीन परीक्षा के दावे की हवा परीक्षा से पहले ही निकल गई। सामूहिक नकल में पकडे़ गए 42 परीक्षा केंद्रों को डिबार करने की संस्तुति की गई थी। इन केंद्रों पर कार्रवाई करने की बजाए इन्हें दोबारा केंद्र बनाने की प्रक्रिया के लिए हरी झंडी दे दी गई है।
शैक्षिक सत्र 2013-14 की बोर्ड परीक्षा में जमकर नकल हुई थी। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) और दूसरे सचल दलों ने परीक्षा के दौरान पांच दर्जन से ज्यादा केंद्रों पर सामूहिक नकल पकड़ी। कई केंद्रों पर तो नकल सामग्री का जखीरा भी जब्त किया गया था। जिसके बाद डीआइओएस ने 42 परीक्षा केंद्रों को डिबार करने की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा परिषद से की थी। सभी केंद्रों को विभाग की ओर से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। उस समय तक डीआइओएस ने सभी केंद्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा किया था। ऐसे में माना जा रहा था कि परिषद द्वारा सामूहिक नकल कराने वाले केंद्रों को डिबार कर दिया जाएगा। मगर, पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा परिषद से जारी डिबार केंद्रों की सूची में एक भी केंद्रों को शामिल नहीं किया गया है। सूची में पुराने 61 कॉलेज ही हैं। डिबार की संस्तुति वाले 42 कॉलेजों को परिषद द्वारा हरी झंडी दे दी गई है। सामूहिक नकल कराने वाले कॉलेज अब दोबारा परीक्षा केंद्र बनने के लिए तैयार हैं।
आगरा से लेकर इलाहाबाद तक खेल
डिबार की सूची में जारी केंद्रों को डीआइओएस कार्यालय द्वारा नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा परिषद से भी सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य और कक्ष निरीक्षकों की सूची मांगी गई थी। विभागीय सूत्रों ने बताया कि स्पष्टीकरण में ही रिपोर्ट हल्की करने का कार्य शुरू हुआ। डिबार की सूची वाले केंद्रों में ज्यादातर वित्तविहीन कॉलेज हैं। सभी कॉलेज संचालकों ने सीधे इलाहाबाद में सांठगांठ की।
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सामूहिक नकल कराने वाले केंद्रों की रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजी गई थी। इसके बाद अंतिम निर्णय परिषद को ही लेना होता है। केंद्र डिबार क्यों नहीं हुए इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता।
दिनेश कुमार यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक