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पूर्व प्राचार्य की कोठी पर छापा, मिलीं अंकतालिकाएं

जागरण संवाददाता, आगरा: घोटालों और फर्जीवाड़े से घिरे अंबेडकर विवि एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 01:10 AM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 01:10 AM (IST)
पूर्व प्राचार्य की कोठी पर छापा, मिलीं अंकतालिकाएं

जागरण संवाददाता, आगरा: घोटालों और फर्जीवाड़े से घिरे अंबेडकर विवि एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मैनपुरी के पूर्व प्राचार्य के आगरा स्थित घर में बड़ी संख्या में विवि की अंकतालिकाएं बरामद हुई हैं। मंगलवार को पुलिस ने आगरा स्वाट टीम के साथ ताजगंज स्थित पूर्व प्राचार्य की कोठी की घेराबंदी का छापा मारा। तीन बैग भरकर अंकतालिकाओं के साथ-साथ कम्प्यूटर और लैपटॉप जब्त किया गया है। छापे के वक्त पूर्व प्राचार्य घर पर नहीं मिले। पुलिस मामले की जांच किए जाने की बात कह रही है लेकिन इनके फर्जी होने का संदेह है। पुलिस टीम ने एसपी मैनपुरी से भी जानकारियां मांगी हैं।

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ताजगंज के शमसाबाद रोड पर स्थित रतन एस्टेट कॉलोनी में मूल रूप से बाह निवासी मनोज तिवारी की कोठी है। तिवारी सात साल पहले मैनपुरी के कॉलेज में प्राचार्य थे। मंगलवार को सुबह साढ़े छह बजे उनके घर पर पंद्रह सदस्यीय पुलिस टीम ने छापा मारा। टीम में स्वाट (स्पेशल वेपन एंड टैक्टिक्स) टीम के जवान भी थे। टीम ने कोठी को चारों ओर से घेरकर छापा मारा। दो मंजिला कोठी की दूसरी मंजिल पर बने एक कमरे से कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव जब्त कर लिए। यहां रखीं अंकतालिकाएं और प्रमाण पत्रों से तीन बैग भर गए। पूरे सामान को लेकर टीम एक घंटे तक घर की तलाशी के बाद पूरे सामान को ले गई। टीम ने पूर्व प्राचार्य की स्कॉर्पियो और आल्टो कार को भी पुलिस अपने साथ ले गई। यहां के अलावा गोकुल पुरा और खंदारी क्षेत्र में भी पुलिस टीम ने दो घरों में छापामार कार्रवाई की गई।

पुलिस को शक है कि पूर्व प्राचार्य के तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं। इसलिए जब्त किए गए कागजातों और कंप्यूटर और लैपटॉप की गहनता से जांच की जा रही है। अभी पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि बरामद हुई अंकतालिकाएं फर्जी हैं या असली? पूरे मामले के खुलासे से पहले पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से बच रही है।

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घर पर आते थे विवि के कई बाबू

सूत्रों का कहना है कि पूर्व प्राचार्य मनोज तिवारी के तार विवि में मजबूती से जुड़े हैं। उनके घर हर दिन पचास के करीब लोग अपने कामों को लेकर आते थे। जिनमें विवि के तीन बाबू भी शामिल हैं। आशंका है कि काम तलाशने के बाद वे घर पर बुलाकर बाबुओं को जिम्मेदारी सौंप देते थे। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पूर्व प्राचार्य अक्सर रविवार को विवि में नजर आते थे। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है।

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लीक हो गई छापे की सूचना?

पूर्व प्राचार्य अक्सर अपने घर पर ही रहते थे। सोमवार रात को भी वे घर पर देखे गए थे। पुलिस ने मंगलवार सुबह छापा मारा तो वे गायब थे, जबकि इस समय वे घर पर रहते थे। आशंका जताई जा रही है कि उन्हें छापे की पहले से ही जानकारी हो गई और वे घर से निकल गए।

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सात साल पहले मैनपुरी में कॉलेज से हटाए गए थे प्राचार्य

मैनपुरी कार्यालय के अनुसार मनोज तिवारी वर्ष 2007 में मैनपुरी के मदार दरवाजा स्थित शांति देवी महाविद्यालय में प्राचार्य थे। उसी सत्र के बाद कार्य संतोष जनक न होने पर उन्हें महाविद्यालय से हटा दिया गया था। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक श्रीकांत सिंह को महाविद्यालय के प्रबंधक अरवेश यादव ने इस बाबत लिखित सूचना दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में एक सत्र के लिए मनोज तिवारी को प्राचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था। उसके बाद उनके स्थान पर डॉ. अनुरुद्ध शुक्ला को कार्यवाहक प्राचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था। तब से लगातार डॉ. अनुरुद्ध शुक्ला ही प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि करीब चार माह तक वह महाविद्यालय आए थे और प्रतिदिन आगरा से ही आते-जाते थे।

'पूर्व प्राचार्य मनोज तिवारी के घर छापेमारी की गई थी। वहां से जो अंकतालिकाएं आदि मिलीं हैं, उनकी जांच की जा रही है। इसके बाद ही कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।'

लक्ष्मी सिंह, डीआइजी आगरा

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