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सड़कों को लेकर सहमा पर्यटन उद्योग

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:00 AM (IST)
सड़कों को लेकर सहमा पर्यटन उद्योग

जागरण संवाददाता, आगरा: बीते साल सैलानियों की आमद में प्रत्याशित कमी से नुकसान झेल चुका पर्यटन उद्योग टूरिस्ट सीजन से पहले फिर सहम रहा है। टूरिस्ट सीजन आने को है और शहर के प्रमुख रास्तों पर भी पिछली साल की तरह निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा हैं। यमुना किनारा मार्ग पर पाइप लाइन शिफ्टिंग शुरू होनी है तो बाइपास पर फ्लाई ओवर निर्माण। ये दोनों ही रास्ते पर्यटन के लिहाज से सबसे अहम हैं। ऐसे में यातायात की मुश्किल होना तय है, जिससे पर्यटकों की आमद घट सकती है। बीते साल ताजनगरी में सैलानियों की संख्या में अप्रत्याशित कमी के लिए सड़कों की बदहाली को अहम वजह माना गया था।

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ताजनगरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का समय टूरिस्ट सीजन के तौर पर जाना जाता है। इस अवधि में सबसे ज्यादा विदेशी सैलानियों की आमद होती है। सैलानियों की आमद के लिहाज से यमुना किनारा मार्ग सबसे अहम है। यमुना एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद से दिल्ली की ओर से आने वाले लगभग सभी सैलानी यहीं से आगरा आते हैं और उन्हें ताज जाने के लिए यमुना किनारा रोड से गुजरना पड़ता है। लेकिन वर्ष 2013 में इस मार्ग पर लगभग पूरे साल निर्माण चलता रहा था और यातायात व्यवस्था लड़खड़ाई रही थी। इसके चलते विदेशी पर्यटकों की आमद में डेढ़ लाख से ज्यादा और भारतीय पर्यटकों की आमद में लगभग ढाई लाख की कमी आई थी।

अब 15 सितंबर से फिर इस रोड पर जल निगम की पाइप लाइन बदलने का काम शुरू होने जा रहा है। जिसके चलते यमुना किनारा रोड की एक लेन बंद हो जाएगी। ऐसे में ट्रैफिक संचालन बाधित होगा। पूर्व में हुए निर्माण के दौरान भी ट्रैफिक एक लेन ही चला था, जिससे हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती थी। दूसरी तरफ एनएच-2 पर सिक्स लेन प्रोजेक्ट के तहत फ्लाई ओवर निर्माण का कार्य 18 सितंबर से प्रस्तावित है। इसमें खंदारी, सुल्तानगंज चौराहा और वाटरव‌र्क्स चौराहा पर फ्लाईओवर बनने हैं। ऐसे में यमुना एक्सप्रेस वे से आने वाले और एनएच-2 से आने वाले, दोनों ओर के पर्यटकों को यातायात की मुश्किल होना तय है।

इससे पर्यटन उद्यमियों को नुकसान की आशंका सता रही है। पर्यटन उद्यमियों का कहना है कि यदि सीजन की शुरुआत में ही पर्यटकों को मुश्किल हुई तो इसका प्रभाव पूरे सीजन पर पड़ेगा। जो सैलानी परेशान होते हैं, वे अपने अनुभव दूसरों से और इंटरनेट के जरिए साझा करते हैं। इससे बहुत से सैलानी अपने टूर कैंसिल भी कर देते हैं।

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यह कहते है पर्यटन उद्यमी

पर्यटकों की आमद कम होने से पहले ही चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यदि सीजन के समय यातायात प्रभावित हुआ तो नुकसान होगा। कोशिश होनी चाहिए कि कार्य जल्द से जल्द खत्म किया जाए और यातायात को पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।

राजेश शर्मा, उपाध्यक्ष ली पैसेज टू इंडिया

बीते साल पर्यटकों की आमद उम्मीद के अनुरूप नहीं रही। सड़कों की खराब स्थिति, जाम और सैलानियों के साथ हुई घटनाएं इसकी वजह थीं। अब भी यदि सुविधाओं को लेकर संजीदगी न दिखाई गई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

राजीव सक्सेना, टूरिज्म गिल्ड

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सड़कों पर होने वाले काम को लेकर योजना बनाई जा रही है। इसमें यातायात सुचारू रखने के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। जिससे किसी को मुश्किल न होने पाए।

पंकज कुमार, डीएम

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सीजन में सड़कों की खराबी ने किया था नुकसान

बीते साल भी टूरिस्ट सीजन में सड़कों की बदहाली से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। वर्ष 2013 के सितंबर में वर्ष 2012 के मुकाबले करीब 80 हजार पर्यटक कम आए थे। इसके बाद अक्टूबर में 48 हजार और दिसंबर में 63 हजार पर्यटक कम आए थे। जबकि नवंबर में आमद वर्ष 2012 के लगभग बराबर ही रही थी।

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इतने आए थे कुल भारतीय पर्यटक

वर्ष - पर्यटक

2012 - 52.34 लाख

2013 - 50.94 लाख

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इतने आए थे कुल विदेशी पर्यटक

साल - पर्यटक

2012 - 7.90 लाख

2013 - 5.40 लाख


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