हमारे घर पधारो गजानन
जागरण संवाददाता, आगरा: शुक्रवार से ताजनगरी गणपतिमय होगी। रिद्धि- सिद्धि के दाता गणपति की प्रतिमाएं घर- घर स्थापित की जाएंगी। 10 दिन तक शहर में गणपति महोत्सव की धूम रहेगी। चहुंओर गणपति बप्पा मोरया की गूंज होगी। गुरुवार सुबह से रात तक इसके लिए तैयारियां चलती रहीं। मूर्ति विक्रेताओं की दुकानों पर भी गणपति की प्रतिमाएं खरीदने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।
भादों के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन घरों में देवों में सर्वप्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है। शुक्रवार को पंडालों व घरों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की विधि- विधान के साथ स्थापना कर उनका पूजन किया जाएगा। गणपति को मोदक का भोग लगाया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को पंडाल स्थलों, मंदिरों व घरों में लोग तैयारियों में जुटे रहे। खुले में लगने वाले पंडालों में चल रही तैयारियों में गुरुवार दोपहर तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने खलल डाला। मगर बारिश के थमते ही भक्त एक बार फिर तैयारियों में जुट गए। शुक्रवार को गणेशोत्सव की शुरुआत होने के साथ 10 दिन तक शहर में भगवान गणेश की पूजा- अर्चना का दौर चलेगा।
पूजन विधि
पंडित किशन वाजेपयी ने बताया कि सर्वप्रथम भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें। प्रतिमा का मुख उत्तार या पूर्व में होना चाहिए। गणपति की प्रतिमाओं को स्नान कराकर सिंदूर चढ़ाएं। पुष्प, धूप, दीप और घास से पूजन कर बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं।
शुभ मूहुर्त
भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना प्रात: काल करनी चाहिए। पं. दिनेश गुरु ने बताया कि इस बार शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 50 मिनट तक और इसके बाद दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से प्रतिमा स्थापना का शुभ समय है।
हस्त नक्षत्र में पूजन
गणेश चतुर्थी पर इस बार हस्त नक्षत्र है। हस्त नक्षत्र, शुभ योग और कन्या व तुला राशि के संयुक्त योग में गणपति प्रतिमाओं की स्थापना और पूजन को शुभ फलदायक माना जा रहा है।
मिट्टी की प्रतिमाओं की हुई खरीददारी
शुक्रवार से शुरू हो रहे गणपति उत्सव की शुरुआत के लिए गुरुवार को गणपति प्रतिमाओं की खरीददारी के लिए मूर्ति विक्रेताओ की दुकानों पर भीड़ उमड़ी। हाईकोर्ट के यमुना नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाने के बाद लोगों ने मिट्टी की प्रतिमाएं खरीदना पसंद किया। वहीं, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनीं प्रतिमाएं कम बिकीं। भक्तों ने बड़ी की जगह छोटी मूर्तियां खरीदने को प्राथमिकता दी। उन्होंने गणपति की गाय, मोर, हंस और सिंहासन पर विराजमान प्रतिमाएं खरीदना पसंद किया।
शहर में स्थापित होंगी 25 हजार प्रतिमाएं
ताजनगरी में छोटी व बड़ी प्रतिमाएं मिलाकर घरों व पंडालों में तकरीबन 25 हजार प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इससे अगले 10 दिन तक शहर भगवान गणेश की भक्ति के रंग में रंगा नजर आए।
अनंत चतुर्दशी को होगा विसर्जन
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक श्रद्धालु गणपति की आराधना करते हैं। ब्रह्मा मुहूर्त में पूजन और शाम को आरती करने का विधान है। पांच, सात या 11 दिन का उत्सव मनाया जाता है। इस बार अनंत चतुर्दशी आठ सितंबर को है। इस दिन भगवान गणपति की प्रतिमाओं का विसर्जन गोधूलि संध्या में किया जा सकेगा। वहीं, पांच दिन के लिए प्रतिमाओं की स्थापना करने वाले 2 सितंबर को 4 बजकर 35 मिनट के बाद और सात दिन के लिए प्रतिमाओं की स्थापना करने वाले भक्त 4 अगस्त को सूर्यास्त के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे।
सूचना आज फिर जाएगी। एक सहयोगी खबर भी