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धुआंधार कटौती, खतरे में कानून व्यवस्था

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 11:40 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 11:40 PM (IST)
धुआंधार कटौती, खतरे में कानून व्यवस्था

जागरण संवाददाता, आगरा: बिजली कटौती से जिले में कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है। सरकार व पावर कॉरपोरेशन के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर गए हैं। शुक्रवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। पूरे दिन शहर में प्रदर्शन, सब स्टेशन पर हमला, जाम व सरकार का पुतला फूंकने का क्रम चलता रहा।

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जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक व पावर कॉरपोरेशन अधिकारियों से मिल नाराजगी जताई, वहीं लोगों ने ज्ञापन दिया। दूसरी ओर गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक ताजनगरी ने 6 घंटे की कटौती झेली। शहर व देहात में पूरे दिन बिजली की आंख मिचौली चलती रही, जिससे लोगों का गुस्सा घटने की बजाय बढ़ता गया। दूसरी ओर लोगों के प्रदर्शन व उग्र तेवर देख डीवीवीएनएल अधिकारी सब स्टेशन छोड़कर भागने लगे हैं।

दो माह से ब्लैक आउट का शुरू हुआ सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार रात से शुरू हुआ कटौती का सिलसिला शुक्रवार देर शाम तक जारी था। रात में कटौती के कारण जागने वाले लोगों को दिन में भी राहत नहीं मिली। इससे उनके गुस्से में इजाफा हुआ। हालात यह है कि ताजनगरी में छह घंटे की कटौती के अलावा एक से दो घंटे की अतिरिक्त कटौती हुई। शहर को केवल 16 से 18 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत इससे भी ज्यादा खराब है। यहां आठ से दस घंटे की कटौती ने लोगों की हालत खराब कर दी है। गुस्से में भरे लोग शहर व देहात में सड़कों पर उतर आए और जमकर बवाल काटा।

यूं हुई कटौती

गुरुवार रात- 9.50 से 12.10 बजे तक एवं मध्य रात्रि के बाद 2.15 से 4.15 बजे तक

शुक्रवार दोपहर 2.40 से 4.40 बजे तक।

बिजली कटौती की स्थिति

शहर- 6 से 8 घंटे

ग्रामीण क्षेत्र- 14 से 16 घंटे

बाक्स प्रमुखता से

जिला प्रशासन लखनऊ से रोया तब सुबह रुकी कटौती

बिजली कटौती पर सुबह से ही लोगों के सड़कों पर उतरने से प्रशासनिक, पुलिस व डीवीवीएनएल अधिकारी सहम गए। इसी बीच लखनऊ कंट्रोल से कटौती की सूचना (कोड) आ गई। यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन अधिकारियों ने इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी। जिला प्रशासन ने मुख्य सचिव व पावर कॉरपोरेशन के अन्य अधिकारियों से बातचीत कर शहर के हालात बताए। इसके बाद सुबह नौ से एक बजे की कटौती नहीं की। प्रदर्शन के दौरान यदि कटौती होती तो निश्चित था कि लोगों का गुस्सा और बढ़ता, जो प्रशासन की सिरदर्दी बढ़ाता।

- वकीलों ने न किया काम

जागरण संवाददाता, आगरा: बिजली कटौती से बेहाल शहर के न्यायालयों में भी बुरा हाल है। लगातार कटौती के चलते न्यायालयों का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने दीवानी में कार्य बहिष्कार कर दिया। साथ ही टोरंट को चेतावनी भी दी। उधर, खेरागढ़ में भी शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने अत्यधिक बिजली कटौती के विरोध में कार्य बहिष्कार किया।

आगरा बार एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को ही सुबह से अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने जिला जज से मुलाकात की। इसके बाद बार हॉल में बैठक की। इसमें कहा कि अंधाधुंध बिजली कटौती जन विरोधी है। अधिवक्ताओं ने शासन और टोरंट को चेतावनी दी कि न्यायालय परिसर में विद्युत सप्लाई कराना सुनिश्चित करें, ताकि सुचारू रूप से न्यायिक कार्य हो। ऐसा न होने पर टोरंट के खिलाफ आंदोलन व कानूनी कार्रवाई करने का एलान किया। बैठक में आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश कुमार शर्मा, जेपी गुप्ता, केडी शर्मा, देवेंद्र वाजपेयी, सुधीश चंद्र जैन आदि शामिल रहे। संचालन सचिव शैलेंद्र रावत ने किया।


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