वाटर वर्क्स फ्लाईओवर निर्माण 18 से
जागरण संवाददाता, अगरा: लंबे समय से सुस्त पड़ा फ्लाईओवर प्रोजेक्ट केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सख्त रुख से अब आगे बढ़ता नजर आ रहा है। शुक्रवार को सांसद के निवास पर बैठक के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और रिलायंस इंफ्राटेक के अधिकारियों ने घोषणा की कि 18 सितंबर से वाटर वर्क्स चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण शुरू हो जाएगा। उसके बाद एक- एक माह के अंतराल में सुल्तानगंज और खंदारी पर भी काम शुरू होगा।
आगरा- दिल्ली नेशनल हाईवे- 2 को सिक्स लेन किए जाने के साथ ही वाटर वर्क्स, सुल्तानगंज और खंदारी चौराहे पर फ्लाईओवर प्रस्तावित हैं। इसका ठेका रिलायंस इंफ्राटेक कंपनी को मिला है। यातायात की समस्या जटिल होती जा रही है, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया जा रहा था। पिछले दिनों सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया के साथ आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले। उन्हें हाईवे की स्थिति बताई। केंद्रीय मंत्री ने रिलायंस का एग्रीमेंट निरस्त करने की चेतावनी दी। उसके बाद हरकत में आए एनएचएआइ, रिलायंस इंफ्राटेक और एलएंडटी के अधिकारी शुक्रवार को आगरा आए। एनएचएआइ के मैनेजर टेक्निकल यशपाल सिंह जादौन, रिलायंस इंफ्राटेक के जेके सिंह और एलएंडटी के आरएन सोलंकी ने सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया और आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव केसी जैन और संयुक्त सचिव राकेश गर्ग के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेसवार्ता में बताया कि 18 सितंबर से वाटर वर्क्स पर फ्लाईओवर निर्माण शुरू हो जाएगा। उसके बाद एक- एक माह के अंतराल में सुल्तानगंज और खंदारी चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण का काम शुरू होगा।
बैठक में एडीएफ की ओर से सुझाव दिया कि निर्माण क्षेत्र की उचित रूप से मास्किंग की जाए। उचित सर्विस रोड बनाई जाए, समयबद्ध रूप से कार्य को प्रारंभ व समाप्त किया जाए, जिससे शहर की जनता को कम से कम असुविधा हो। इस पर एनएचएआइ की टीम ने सहमति दी। बताया कि निर्माण शुरू करने से पूर्व स्थानीय संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी।
यदि हाईवे न सुधरे तो टोल बंद कर दें
आगरा: ओवरब्रिज की बैठक के बाद एनएचएआइ, रिलायंस और एलएंडटी के अधिकारी प्रेसवार्ता करने बैठे तो ऐसे सवाल थे कि अधिकारियों की गर्दन झुक गईं। साफ था कि बड़ा गोलमाल हो रहा है। उनके पसीने छूटने लगे। आखिर सांसद रामशंकर कठेरिया ने एलान कर दिया कि जल्द हालात सुधार लो नहीं तो आगरा वालों से कह दूंगा कि टोल देना बंद करें।
पत्रकार वार्ता में पहला सवाल था कि हाईवे का इतना जर्जर हाल है, तो टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है। जनता आप पर मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराए। पहले तो एनएचएआइ के मैनेजर टेक्निकल यशपाल जादौन हाईवे की बदहाली स्वीकारने को तैयार नहीं दिखे, लेकिन जब उन्हें स्थान बताए, तो गेंद रिलायंस के पाले में फेंक दी। उनका कहना था कि फरीदाबाद से लेकर वाटर वर्क्स चौराहे तक 180 किमी लंबे एनएच-2 की 6 लेनिंग, रखरखाव और टोल वसूलने के कार्य को वर्ष 2010 में रिलायंस इंफ्रा को दिया गया। 16 अक्टूबर 2012 को उसको सड़क भी सौंप दी थी। यह कार्य बिल्ट, ऑपरेट व ट्रासफर (बीओटी) के आधार पर है। यह 26 वर्ष के लिए अनुबंध है। इसमें एनएच- 2 की 6 लेनिंग करना, फ्लाईओवर व अंडरपास बनाना, आरओबी बनाना, सफाई व्यवस्था रखना, सर्विस रोड का भी रखरखाव करना, मुख्य कैरिज वे के दोनों ओर के नालों का रखरखाव सम्मिलित है। बात उठी कि रिलायंस तो कुछ नहीं करती, तो यशपाल जादौन बोले कि हम इन्हें बार- बार नोटिस देते रहते हैं। नोटिस के खेल के बाद आगे की कार्रवाई क्यों नहीं, तो होट सिल गए। उनसे कहा कि जनता के प्रति आप जवाबदेह हैं, तो चुप हो गए। जब रिलायंस अधिकारी से पूछा कि आप नोटिस के बाद भी काम क्यों नहीं करते, तो सिर्फ इतना सा जवाब था कि हम कुछ कहने को अधिकृत नहीं हैं। आखिर में सासद कठेरिया ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही हाईवे की स्थिति ठीक नहीं हुई तो जनता से कह दिया जाएगा कि टोल टैक्स न दें। सांसद ने बताया कि यह सारी स्थिति 29 सितंबर को आ रहे एनएचएआइ के चीफ जनरल मैनेजर महावीर सिंह व प्रोजेक्ट डायरेक्टर एमके गुप्ता को बताई जाएंगी। उसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को।