स्मारकों की व्यथा को समझें
जागरण संवाददाता, आगरा: शुक्रवार को विश्वदाय दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) मनाया गया। युवाओं को सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक कर स्मारकों को भावी पीढि़यों के लिए संरक्षित करने को प्रेरित किया गया। मौसम खुशगवार होने और स्मारकों में निश्शुल्क प्रवेश होने से सैलानियों की भीड़ उमड़ी।
विश्वदाय दिवस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा एत्माद्दौला में ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। सीनियर व जूनियर वर्गो में हुई प्रतियोगिता में श्यामलाल सरस्वती शिशु मंदिर, एमएमक्यू पब्लिक स्कूल, रमा देवी स्कूल के करीब 150 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विजेताओं को मुख्य अतिथि एएसआइ के पूर्व निदेशक पीबीएस सेंगर ने पुरस्कृत किया। उन्होंने दृष्टिबाधित सैलानियों के लिए एएसआइ द्वारा ब्रेल लिपि में हिंदी व अंग्रेजी में तैयार कराई गई किताब आगरा के स्मारक का विमोचन और एत्माद्दौला में लगाए गए ब्रेल साइनेज का भी लोकार्पण किया। दृष्टिबाधित स्कूल के बच्चों ने ब्रेल साइनेज और किताब पढ़कर सुनाई। मुख्य अतिथि पीबीएस सेंगर ने कहा कि बुजुर्ग व्यक्ति तो अपनी व्यथा बता सकते हैं, मगर स्मारक अपनी व्यथा व्यक्त नहीं करें। यह हमारा दायित्व है कि हम स्मारकों की व्यथा को समझें और उन्हें संरक्षित रखने में सहयोग करें।
अधीक्षण पुरातत्वविद् एनके पाठक ने कहा कि स्मारकों को अक्षुण्ण रखते हुए एक से दूसरी पीढ़ी को सुरक्षित हस्तगत करना आवश्यक है। जिससे हमारी विरासत एवं संस्कृति विश्व के मानस पटल पर चमकती रहे। संचालन सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् आरके सिंह ने किया। कार्यक्रम में एनसी शर्मा, एके कबुई, ओपी माहौर, मुनज्जर अली, पंकज तिवारी, राजनारायण, राजकुमार मौजूद रहे।
यह बने विजेता
सीनियर वर्ग
-प्रथम: अल्ताफ
-द्वितीय: योगेश
-तृतीय: सनी
-सांत्वना: मनीष
जूनियर वर्ग
-प्रथम: मयंक भदौरिया
-द्वितीय: माला कुमारी
-तृतीय: फैजान
-सांत्वना: फुरकान।
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मुमताज-शाहजहां ने किया सैलानियों का इस्तकबाल-फोटो
आगरा: ढोल-नगाड़ों की धुन के साथ तिलक लगाकर और माला पहनाकर सैलानियों का इस्तकबाल करते मुमताज और शाहजहां। आगरा किला पर शुक्रवार को सेंट एंड्रूज स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विदेशियों के स्वागत में यही नजारा रहा। विश्वदाय दिवस पर आगरा किला पर सेंट एंड्रूज स्कूल के विद्यार्थियों और एनसीसी कैडेट्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य डॉ. गिरधर शर्मा व प्रबंध निदेशक प्रांजल शर्मा ने किया। इसमें बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां आदि की वेशभूषा में छात्र-छात्राएं शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर उन्होंने परंपरागत ढंग से विदेशी सैलानियों का स्वागत किया।
डॉ. गिरधर शर्मा ने कहा कि हमारे छात्र स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं। इस अवसर पर आलोक वैष्णव, संजय द्विवेदी, मुनेश अग्रवाल, मनीष, राजकुमार, उदयप्रताप, अंजना गुप्ता, रेखा सिंह, दीपशिखा शर्मा मौजूद रहे।