बना देते थे फर्जी मतदाता पहचान पत्र
जागरण संवाददाता, आगरा: अपराधियों को जमानत पर जेल से बाहर लाने और बैंकों से ऋण को फर्जी मतदाता पहचान पत्र एवं खसरा- खतौनी बनाने वाले गिरोह के चार लोगों को शुक्रवार गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से मतदाता पहचान पत्र, खसरा- खतौनी समेत अन्य पहचान पत्र एवं मोहरें बरामद की हैं।
पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना अनुज उर्फ अनूप उर्फ रोहित निवासी कालिंदी विहार एत्माद्दौला है। उसके अलावा गिरफ्तार अन्य लोगों के नाम मोहित गुप्ता निवासी बोदला जगदीशपुरा, अश्रि्वनी सिंह निवासी लोहिया नगर बल्केश्वर एवं विनय ठाकुर निवासी जी- ब्लॉक ट्रांस यमुना कॉलोनी हैं। पूछताछ में अनुज ने बताया कि उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स किया है। कुछ समय पहले उसकी मुलाकात दीवानी परिसर में मुंशी का काम करने वाले अश्विनी और विनय से हुई। दोनों विनय से जेल में बंद अपराधियों की जमानत कराने को फर्जी मतदाता पहचान पत्र, जमीन की खसरा- खतौनी, राशन कार्ड आदि तैयार कराते थे। इसके बदले अपराधियों से मोटी रकम वसूलते थे। इसके साथ ही गिरोह बैंक से ऋण लेने वालों को भी फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता था। अश्रि्वनी और विनय फर्जी दस्तावेज सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुज से तैयार कराते थे, जिसके बदले उसे मोटी रकम देते थे। शातिरों ने पूछताछ में दर्जनों लोगों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने का इकबाल किया है। मोहित गुप्ता धोखाधड़ी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है।
प्रेसवार्ता में एसपी सिटी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि गिरोह के कब्जे से 55 वोटर कार्ड 35 खसरा- खतौनी, पांच पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, तहसील की मोहरें एवं लैपटॉप बरामद किया है। एसपी सिटी ने बताया कि गिरोह के सदस्यों द्वारा कितने और किन लोगों को जमानत एवं बैंक से लोन को फर्जी दस्तावेज दिए हैं, इसकी जांच की जा रही है।
खुलासा करने वाली टीम
एएसपी समीर सौरभ के नेतृत्व में गिरोह का खुलासा करने वाले टीम में इंस्पेक्टर हरीपर्वत हरि मोहन, एसआइ शैलेश कुमार, आलोक शर्मा, विपिन कुमार आदि थे।
दो से पांच हजार में बेचते थे वोटर कार्ड
गिरोह फर्जी वोटर कार्ड दो से पांच हजार रुपये में बेचते थे। अनुज के लैपटॉप में बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड की भी डिटेल मिली हैं। इनके बारे में पुलिस छानबीन कर रही है।
तीन नाम से तीन आइडी
सरगना अनुज उर्फ अनूप उर्फ रोहित के पास से पुलिस को उसकी तीन अलग- अलग नाम से आइडी मिली हैं। पहचान पत्र, आधार कार्ड एवं राशन कार्ड में उसके नाम अलग- अलग हैं।