ताज की टिकट पर धर्मसंकट में फंसेंगे मंत्री
जागरण संवाददाता, आगरा: क्लीन इंडिया कैंपेन का शुभारंभ करने आगरा आ रहे केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चिरंजीवी ताज की टिकट को लेकर धर्मसंकट में फंस सकते हैं। जिला प्रशासन केंद्रीय मंत्री के सामने ताज के प्रवेश शुल्क को बढ़ाने की सिफारिश रखने जा रहा है। जबकि दूसरी तरफ पर्यटन संस्थाएं प्रवेश शुल्क कम कराने का मांगपत्र तैयार किए बैठी हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री के लिए इन दोनों मांगों पर आश्वासन देना भी आसान नहीं होगा।
कुछ माह पहले आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने ताज की टिकट दर बढ़ाने को प्रस्ताव पारित किया था। इसमें ताज के प्रवेश शुल्क में शामिल 500 रुपये पथकर को बढ़ाकर 1000 रुपये करने का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की आपत्ति के चलते यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी। ऐसे में अब जिला प्रशासन इस मसले को सीधे केंद्रीय मंत्री के सामने रखने की तैयारी कर रहा है। टिकट दर कम होने का हवाला देते हुए इसे बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी।
इसके विपरीत पर्यटन उद्योग ताज की टिकट दर को और कम करने की मांग तैयार किए बैठा है। पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने भी यह मांग उठाई थी। अब इसके लिए एक मांग पत्र तैयार किया गया है, जो बुधवार को केंद्रीय मंत्री को सौंपा जाएगा।
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यह है ताज की टिकट का गणित
विदेशी सैलानी
750 रुपये की विदेशियों की टिकट में 250 रुपये एएसआइ का शुल्क और 500 रुपये एडीए का पथकर है। पथकर की यह राशि कंपोजिट शुल्क है। यानि ताज पर पथकर देने के बाद सैलानियों को आगरा के अन्य किसी स्मारक पर पथकर अदा नहीं करना पड़ता है।
सार्क देशों के सैलानी
510 रुपये की सार्क देशों के सैलानियों की टिकट में 10 रुपये एएसआइ का शुल्क और 500 रुपये पथकर है। भारत सरकार द्वारा सार्क देशों के निवासियों को भारतीय सैलानी माने जाने के चलते एसआइ उनसे 10 रुपये शुल्क लेता है, परंतु एडीए उनसे विदेशी के बराबर ही पथकर ले रहा है।
भारतीय सैलानी
20 रुपये की भारतीय सैलानियों की टिकट में 10 रुपये एएसआइ का शुल्क व 10 रुपये एडीए का पथकर है।
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तर्को का तराजू
पक्ष
- विदेशों में स्मारकों की टिकट ताज से कहीं ज्यादा महंगी हैं।
- ताज में भारतीयों के लिए टिकट 20 रुपये, जबकि विदेशियों की बात डॉलर में करें तो 750 रुपये की टिकट करीब 15 डॉलर की पड़ती है।
- प्रवेश शुल्क से आय बढ़ने पर व्यवस्थाएं और बेहतर हो सकती हैं।
विपक्ष
- हर विदेशी सैलानी अमीर नहीं होता, ऐसे में बढ़ी टिकट पर्यटन के लिए नुकसानदेह।
- राजस्थान में स्मारकों की टिकट कम, इसी कारण सैलानी रात में रुकते हैं। बनारस में भी रात्रि प्रवास औसतन तीन दिन है।
- ताज की टिकट दर कम हो तो यहां भी रात्रि प्रवास बढ़ सकता है।
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ताज की टिकट की दर कम है, खासकर विदेशी सैलानियों के लिए। यह बढ़नी चाहिए। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री के सामने एक प्रस्ताव रखा जाएगा।
जुहेर बिन सगीर, डीएम
ताज की टिकट दर कम होनी चाहिए। यह काफी अधिक है। प्रवेश शुल्क कम होने के बाद पर्यटन को अधिक फायदा होगा।
राजीव तिवारी, अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एसोसिएशन
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