कटोरी में कम नहीं होगी दाल
दाल की किल्लत से पूरे साल आजिज रही केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए दाल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निश्चय किया है। इससे आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं की कटोरी में दाल की कमी नहीं होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दाल की किल्लत से पूरे साल आजिज रही केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए दाल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निश्चय किया है। इससे आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं की कटोरी में दाल की कमी नहीं होगी। आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दलहन की पैदावार बढ़ाने की पुख्ता व्यवस्था की है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दलहन के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
दलहन की पैदावार को बढ़ाने के लिए पहले कुछ सीमित जिलों तक ही इसे सीमित किया गया था। वित्त मंत्री जेटली ने अपने भाषण में कहा कि अब योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत 622 जिलों में संचालित होगी। सरकार के इस फैसले से दालों की खेती का प्रसार होगा और पैदावार में वृद्धि होगी। दालों कमी के चलते चालू वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 45 लाख टन दालों का आयात करना पड़ा था।
बीते दो सालों से खराब मानसून के चलते दलहन की पैदावार में बहुत कमी आई है, जिसके चलते देश में दालों की कमी को पूरा करने के लिए किये गये आयात पर भारी विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ी। तब भी बाजार में दाल की कीमतों में तेजी बनी रही। इस पर का काबू पाने के लिए सरकार को अपने मूल्य स्थिरीकरण निधि से 300 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर काबू करने और सुशासन कायम करने के लिहाज से सरकार ने कई कदम उठाये है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य और मूल्य स्थिरीकरण निधि के माध्यम से खुले बाजार के मूल्य पर दालों की खरीद की गई। बफर स्टाक बनाने को भी मंजूरी दी गई। सरकार ने अपने एक फैसले में दालों की कारगर खरीद का कदम भी उठाने को कहा है। जिंस बाजार में मूल्यों के उतार-चढ़ाव को संभालने के लिहाज से बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए इस निधि में 900 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।