गर्मी सताए तो यहां जाएं, देश के टॉप 10 झरने जो आपको ठंडा-ठंडा कूल-कूल अहसास कराए
गर्मी में ठंडा पानी किसे बुरा लगता है! ऊपर से नेचुरल ब्यूटी, बोले तो खुला आसमान, पहाड़ और हरियाली। जी हां, आप बिल्कुल ठीक समझ रहे हैं हम वाटर फॉल की ही बात कर रहे हैं। आइए जानते हैं देश के टॉप 10 झरनों के बारे में, जहां आप गर्मी से राहत और ठंडा-ठंडा कूल-कूल फील करेंगे। अगर आप भी समर वैकेशन प्लान कर रहे हैं तो यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ऐसी जगह आप खूब इंन्वॉय कर सकते करेंगे चाहे दोस्तों के साथ हों या फिर फैमिली के साथ। ये आपके पलों को यादगार बना देगा। आइए जानते हैं देश के टॉप 10 झरनों क
थोसेघर झरना:
थोसेघर झरना भारत के बड़े झरनों में से एक है। इसकी ऊंचाई सुनकर ही आप हैरान हो जाएंगे। यह झरना महाराष्ट्र में है। इसकी ऊंचाई करीब 1150 फुट है। यह सतारा शहर के कोंकन क्षेत्र में है। इसको लोग कस पठार और कस झील के नाम से भी पुकारते हैं। बारिश के मौसम में इस झरने का एक विहंगम रूप देखने को मिलता है। इसके किनारे खूबसूरत फूल भी खिले रहते हैं। यह झरना महाराष्ट्र के असघन्दर झरना, लिंगमाला झरना, धोबी झरना और कुन फॉल्स में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
नोहसिंजिथियांग झरना:
नोहसिंजिथियांग झरना मेघालय में है। यह सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 32 किमी दूरी पर है। नोहसिंजिथियांग को ‘सात बहनों का झरना’ कहा जाता है। पूर्वी खासी हिल्स के इस झरने की ऊंचाई 1,033 फुट है। बारिश के मौसम में यहां नजारा बेहद रोमांचक होता है। यह झरना विभिन्न आकारों की चट्टानों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और गुफाएं भी देखने को मिलती हैं। यहां बड़ी संख्या में हर साल गर्मी में लोग घूमने आते हैं।
दूधसागर झरना:
यह गोवा में स्थित है। यह भारत के सुंदर मनमोहक झरनों में से एक है। इसे "सी ऑफ मिल्क" के रूप में भी जाना जाता है। यह झरना गोवा-कर्नाटक की सीमा के पास मांडवी नदी पर स्थित एक जलप्रपात है। यह झरना पणजी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी ऊंचाई करीब 1,020 फुट है। भारत के ऊंचे झरनों में गिना जाने वाला दूधसागर दुनिया के ऊंचे झरनों में करीब 227वें नंबर पर है। यहां पर पश्चिमी घाटों के घने वन, रोलिंग पहाड़ियों का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
जोग प्रपात:
यह झरना शरावती नदी पर स्थित है। जोग प्रपात महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर है। यह भी भारत के ऊंचे झरनों में से एक है। इसकी ऊंचाई करीब 830 फुट ऊंची है। इस झरने को यूनेस्को ने दुनिया के सबसे पर्यावरणीय स्थलों में से एक घोषित किया है। बारिश के मौमस में इसके पानी का भयानक प्रवाह देखने को मिलता है। पानी से गर्जने जैसी आवाजें आती हैं। इसके करीब जाने पर पानी के छींटे पड़ने से काफी अच्छा फील होता है। इसके अलावा आंखो को भी सुकून मिलता है।
खांडधर झरना
उड़ीसा का सबसे बड़ा खांडधर झरना सुंदरगढ़ जिले के नंदापानी में हरे भरे वनों के बीच है। इसकी ऊंचाई करीब 801 फुट की है। इस झरने का आकार घोड़े की पूंछ जैसा है। यह पूरे साल बहता रहता है। हालांकि मॉनसून सीजन में इसका आकार थोड़ा बढ़ जाता है। यह कुसुम, सैल, सेगुन, मोहा, पलाश और आकशमोनी पेड़ों के घने जंगलों से घिरा हुआ है। खंडाधर झरना उड़ीसा में सबसे लोकप्रिय झरना है। इसके अलावा यह भारत के मुख्य पयर्टन स्थलों में गिना जाता है। यहां गर्मी के दिनों में बड़ी संख्या में पयर्टक आते हैं।
धुआंधार लेक
धुआंधार झरना मध्यप्रदेश के जबलपुर इलाके में है। यह भेड़ाघाट में नर्मदा नदी में गिरता है। भेड़ाघाट सबसे लोकप्रिय भारतीय पर्यटन स्थल में से एक है। धुआंधार झरने की ऊंचाई करीब 311 फुट है। यह देेखने में बेहद खूबसूरत है। यह अपने सुन्दर दृश्य से पर्यटकों का मन मोह लेता है। इसका पानी जब नीचे आकर गिरता है तो इसकी गड़गड़ाहट बहुत अच्छी लगती है। मॉनसून सीजन के दौरान, भेदाघाट सामान्य जनता के लिए बंद रहता है। हालांकि यहां पर बांध से थोड़ी दूर से पर्यटक इसके गिरते पानी का मजा ले सकते हैं।
तालकोना झरना:
तालकोना झरना आंध्र प्रदेश के मशहूर झरनों में से एक है। यह यहां के चित्तूर जिले में श्रीवेंकटेश्वर नेशनल पार्क में स्थित है। इसकी ऊंचाई करीब 270 फुट है। यहां जाने पर प्रृकति के काफी करीब होने का अहसास होगा। गर्मी में काफी राहत मिलेगी। चंदन के वृक्षों और कुछ मूल्यवान औषधीय पौधों के कारण तालाकोना झरने का पानी चिकित्सा में काफी अच्छा माना जाता है। यहां पर अलग-अलग प्रजातियों के पैंथर, गिलहरी, रंग-बिरंगी तितिलियां और पक्षी देखने को मिलते हैं। यहां हरियाली के अलावा गुफाएं भी हैं।
चित्रकोट झरना
यह झरना भी देखने में बेहद खूबसूरत है। छत्तीसगढ़ में जगदलपुर की इंद्रावती नदी के पास है। इसे देश के बड़े और मन मोह लेने वाले झरनों में गिना जाता है। इसकी ऊंचाई करीब 90 फुट है। इसकी खासियत यह है कि इसकी चौड़ाई मौसम के हिसाब से बदलती रहती है। इसके आस-पास घने वन है। जिनकी वजह से इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ज्यादा बढ़ जाती है। यहां पर रात के समय झरने की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है। यहां ठंडक का अहसास होने से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और लंबा समय व्यतीत करते हैं।
अथिराप्पिल्ली झरना:
केरल वैसे भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ऐसे में यहां अथिराप्पिल्ली झरना इसे और ज्यादा लोकप्रिय बनाता है। इसकी ऊंचाई करीब 80 फुट है। यह झरना त्रिशूर जिले में वाखाचल वन के पास चलोकुडी नदी पर है। यहां मॉनसून और प्रकृति का एक अनोखा रूप दिखाई देता है। गर्मी में यहां पयर्टकों की संख्या बढ़ जाती है। बच्चे से लेकर बड़े सभी यहां खूब मस्ती करते हैं। यहां देश ही नहीं विदेशों से भी लोग घूमने आते हैं।
कोर्टल्लम झरना:
कोर्टल्लम झरना तमिलनाडु का काफी मशहूर झरना है। यह तिरुलेनवेली जिले में पश्चिमोत्तर घाट पर स्थित है। इसको दक्षिण भारत का स्पा भी कहा जाता है। यह अगास्थ्यमलाई की आकर्षक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में आकर्षक वनस्पतियों के अलावा विभिन्न प्रकार के जीव भी दिखाई देते हैं। कोर्टल्लम झरने के अलावा यहां पर खूबसूरत झीलों का मजा और शिव मंदिरों के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां के मंदिरों में भगवान शिव का नटराज रूप देखा जा सकता है।