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अजब-गजब हैं ये जगहें, आइए चलें कुछ ऐसी ही दुनिया की सैर पर

इस बार गर्मी की छुट्टियों में क्योें न ऐसी जगह घूमने की योजना बनाएं, जो अपने आप में किसी अजूबे से कम न हों।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 12:49 PM (IST)
अजब-गजब हैं ये जगहें, आइए चलें कुछ ऐसी ही दुनिया की सैर पर
अजब-गजब हैं ये जगहें, आइए चलें कुछ ऐसी ही दुनिया की सैर पर

आज भी दुनियाभर में तमाम ऐसी जगहें हैं, जो किसी स्वप्निल लोक से कम नही हैं। इन्हें देखकर दिल, दिमाग और निगाहें सब ठहर-सी जाती हैं, लेकिन कम लोगों को ही इन अजीबो-गरीब जगहों के बारे में पता है। आइए चलें कुछ ऐसी ही दुनिया की सैर पर...

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मार्बल केव्स, चिली
यह चिली का एक ऐसी संगमरमरी गुफा है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। बताते हैं कि छह हजार वर्षों की एक सतत प्राकृतिक प्रक्रिया के बाद यह गुफा अस्तित्व में आई। गुफा की संगमरमरी आभा तब और निखर आती है, जब इन पर केरा झील के नीले और हरे पानी का प्रतिबिंब पड़ता है। यह झील अर्जेंटिना से लगी चिली सीमा पर स्थित है। हर साल बड़ी संख्या में सैलानी यहां इसकी कुदरती खूबसूरती का लुत्फ उठाने आते हैं।

सलार डी यूयूनी, बोलिविया
यह नमक का बहुत बड़ा क्षेत्र है। मान्यता है कि करीब 30 हजार साल पहले एक झील के सूख जाने के बाद यह पूरा एरिया नमक के अवशेषों में तब्दील हो गया। यह जगह विश्व का सबसे बड़ा भूभाग है, जहां इतना ज्यादा नमक पाया जाता है। हर साल करीब 25 हजार टन से अधिक नमक इस जगह पैदा होता है। यहां फ्लेमिंगो बड़ी संख्या में पाई जाती है। यहां पैलेशिया डी साल 16 कमरों का एक होटल है और पूरी तरह नमक के ब्लाक से बना है।

ट्रैवरटाइन पूल, तुर्की
लोगों का यह मानना है कि इस तालाब का पानी रोग हरने वाला है। इसमें ऐसा हीलिंग टच है कि इसमें नहाने से तन और मन दोनों को बड़ा सुकून मिलता है। इस तालाब में यह पानी करीब 17 भूमिगत गरम पानी के स्रोतों से बहकर इसमें आता है। दूर से भी इस स्थल का नजारा दिखने में बड़ा मनमोहक लगता है।

लेक रेतबा, सेनेगल
इस झील की खूबसूरती ऐसी है कि जैसे मानो इसके पानी में कुछ डालकर किसी ने गहरा गुलाबी बना दिया हो। हकीकत यह है कि एक खास तरह के शैवाल के कारण इसका पानी ऐसा दिखता है। इस शैवाल को यहां डुनेलिला सेलिना कहते हैं, जिसमें से गुलाबी रंग निकलता है। यह झील करीब 10 फीट गहरी है। बताते हैं कि इन शैवालों में नमक के अंश भी पाए जाते हैं। इस पानी से लोग नमक के अवशेष इकट्ठा करते हैं।

एसबयर्गी कैनियन, आइसलैंड
इस घाटी को लेकर मान्यता है कि यहां के एक भगवान के घोड़े का खुर जमीन पर पड़ने से यह घाटी अस्तित्व में आई। उत्तरी आइसलैंड में स्थित इस घाटी की 300 फीट लंबी चट्टानें दिखने में किसी अजूबे से कम नहीं लगते। वैज्ञानिकों का मानना है कि दो दशकों की ग्लेशियरिंग के कारण यह स्थान करीब दस हजार साल पहले एक घाटी के रूप में तब्दील हो गया। आज भी जब इसके ऊपरी चट्टानी सिरे को देखेंगे, तो यह घोड़े के खुर की आकृति की घाटी दिखती है।

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