अपनी डूबती किस्मत को संवारने भारत के इस मंदिर में आए थे फेसबुक के मालिक
जुकरबर्ग ने जब यह कहा कि एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की सलाह पर वह भारत के एक मंदिर में आए थे तो हर तरफ उस मंदिर को जानने की जिज्ञासा पैदा हो गई।
फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग की मेहनत तो अपनी जगह है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी सफलता का राज भारतवर्ष की भूमि से ही जुड़ा हुआ है। बिजनेसटूडे के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में मार्क जुकरबर्ग ने अपनी सफलता का राज भारत के एक मंदिर को बताया है। जुकरबर्ग ने जब यह कहा कि एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की सलाह पर वह भारत के एक मंदिर में आए थे तो हर तरफ उस मंदिर को जानने की जिज्ञासा पैदा हो गई। जुकरबर्ग फेसबुक के शुरुआती कठिन दौर में इस मंदिर में प्रार्थना के लिये आये थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि इस मंदिर में प्रार्थना के बाद ही उनकी किस्मत बदल गई और फेसबुक ने नये कीर्तिमान स्थापित कर लिये।
उत्तराखंड के नैनीताल के पास कैंची में स्थित नीम करोली साधु के आश्रम में उन्होंने समय बिताया था। यह वही जगह है जहां एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स भी आए थे। जुकरबर्ग ने बताया कि उनके कंपनी के मुश्किल दौर में स्टीव जॉब्स ने उन्हें इस मंदिर में जाने की सलाह दी थी। साधारण से दिखने वाले कंबल ओढ़े रखने वाले इस मंदिर के साधु ने जूलिया रॉबर्ट्स, आध्यात्मिक गुरु रामदास, स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग जैसे कई बड़े शख्सियतों को दुनियाभर में पहचान दिलाया है। यहां आने के बाद ही इनके यश में वृद्धि हुई है।
साधु नीम करोली ने ही इन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि साधु नीम करोली से प्रेरणा लेने वाली हस्तियों में लोकप्रिय किताब इमोशन इंटेलिजेंस के लेखक डेनियल गोलमैन, पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी और बिड़ला ग्रुप के जुगल किशोर बिड़ला भी थे।
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