हरियाणा का ताजमहल है शेख चेहली का मकबरा
प्रसिद्ध सूफी संत शेख चेहली की याद में बना मकबरा देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों में शुमार है, इसे हरियाणा का ताजमहल भी कहा जा सकता है।
पवित्र गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र सिर्फ महाभारत, शक्तिपीठ और दूसरे हिंदू धर्मस्थलों के लिए ही नहीं, शेख चेहली के मकबरे के लिए भी प्रसिद्ध है। देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों में शुमार इस मकबरे को हरियाणा का ताजमहल भी कहा जाता है। राजधानी दिल्ली से अमृतसर के बीच इसके अलावा कोई भी ऐसा स्मारक नहीं है, जिसमें शाहजहां के समकालीन संगमरमर का प्रयोग किया गया हो। प्रसिद्ध सूफी संत शेख चेहली की याद में दाराशिकोह ने लगभग 1650 ई. में इसे बनवाया था। यह मकबरा दाराशिकोह के पठन-पाठन और आध्यात्मिक ज्ञान का भौतिक प्रतीक था। मकबरे की स्थापत्य कला बेजोड़ है, जो हर्ष के टीले के नाम से विख्यात प्राचीन टीले के पूर्वी किनारे पर स्थित है।
शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.) की बनवाई ग्रैंड ट्रंक रोड भी इसी मकबरे के प्रवेश द्वार से सामने से होकर गुजरती थी। हालांकि अब जीटी रोड यहां से काफी दूर है। मकबरे से कुछ दूर स्थित एक प्राचीन पुलिया और कोस मीनार होने से यहां कभी जीटी रोड के होने का प्रमाण मिलता है। सड़क गुजरने का स्थान आज भी दर्रा खेड़ा के नाम से प्रसिद्ध है। इसके उत्तरी छोर पर पर कोटे से घिरा हर्षवर्धन पार्क है। जहां कभी सराय और अस्तबल था। यह भी शेरशाह सूरी की बनवाई सड़क पर ही स्थित है। यात्री और सैनिक जब कभी इस मार्ग से गुजरते थे तो थकान मिटाने के लिए यहां अवश्य रुकते थे। इस मकबरे की स्थापत्य-शैली, संगमरमर, चित्तीदार लाल पत्थर, पांडु रंग का बलुआ पत्थर, लाखोरी ईट, चूना-सुर्खी और रंगी टाइलों के प्रयोग होने के कारण इसको शाहजहां (1628-1666 ई.) को समकालीन माना जा सकता है। मकबरे के अंदर एक संग्रहालय भी है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
दोगुनी हुई पर्यटकों की संख्या
आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के पुरातत्वविद व मकबरे के प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि पिछले पांच सालों में मकबरे पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 40 प्रतिशत बढ़ी है। पांच साल पहले टिकट का मूल्य 5 रुपये था, अब 15 रुपये है, इसके बावजूद पर्यटकों की संख्या बढ़ना धर्मनगरी के लिए शुभ संकेत है।
बार-बार आने का मन करता है
शेख चेहली का मकबरा घूमने आए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के असिस्टेंट प्रोफेसर नवदीप सिंह ने कहा कि वास्तव में यह मकबरा हरियाणा का ताज है। कई चीजें आगरा के ताजमहल से मिलती हैं। वे पहले भी यहां आ चुके हैं। जब भी वे कुरुक्षेत्र आते हैं, यहां आए बिना नहीं रुक पाते।
बीरेश्वर तिवारी
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