इस रेगिस्तान में सदियों से बज रहा है रहस्यमयी संगीत, कहीं भूत-प्रेत का वास तो नही
ये ऐसे रेगिस्तानी इलाके हैं जहां संगीत सुनाई देना किसी आश्चर्य से कम नही है। यहां से गुजरने वाले राहगीरों का कहना है कि यहां भूत-प्रेतों का वास है जो राहगीरों को डराकर अपने होने का अहसास करवाते हैं।
मोरक्को के रेगिस्तान में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर रहस्यमयी संगीत की धुनें सुनाई देती हैं। इन धुनों में अनेकों वाद्ययंत्रों की धुनें सुनाई देती है। कभी लगता है कि ड्रम बज रहा है तो कभी गिटार और वायलिन की धुनें कानों में पड़ती है। जानकारों के अनुसार ये ऐसे रेगिस्तानी इलाके हैं जहां संगीत सुनाई देना किसी आश्चर्य से कम नही है। यहां से गुजरने वाले राहगीरों का कहना है कि यहां भूत-प्रेतों का वास है जो राहगीरों को डराकर अपने होने का अहसास करवाते हैं। दशकों से आ रही इन आवाजों की वजह अभी तक कोई ढ़ंढ नही पाया है।
13वी शताब्दी में जब यात्री मार्कोपोलो पहली बार चीन पहुंचे थे तो वहां के रेगिस्तानी इलाकों में ऐसे ही संगीत की धुनें उन्होंने भी सुनी थी। कुछ लोगों का कहना है कि ये शायद भटकती हुई आत्माएं हैं। लेकिन ये भी आश्चर्य की बात है किदो बिल्कुल अलग-अलग जगहों पर ऐसा कैसे हो सकता है वो भी इतने समय के अंतराल पर आखिर सच क्या है?
लंबे समय से किये गये परीक्षणों के अनुसार वैज्ञानिकों का कहना है कि रेगिस्तान में बने ऊंचे रेत के टीलों के नीचे जब रेत खिसकती है तो इस दौरान होने वाले कंपन के कारण ये संगीत पैदा होता है। इसके लिये रेत के कणों का आकार भ जिम्मेदार होता है। कणों का आकार और रेत के खिसकने की गति उस संगीत जैसी ध्वनि के मुख्य कारक हैं। हवा के बहने पर ये सभी प्रक्रियाएं वातावरण में संगीत की ध्वनि के रूप में फैल जाती हैं। कहीं रेत का घनत्व ज्यादा होता है, कहीं हवा के कारण रेत तेजी से खिसकती है, इन कारणों से विभिन्न प्रकार की संगीत की धुनें निकलती हैं।
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