यकीनन आपने नहीं देखा होगा भारत में बसा फ्रांस
इस जगह पर जाकर आपकी फ्रांस जाने की ख्वाहिश जरूर पूरी हो सकती है, यह अपने देश में ही बसा है। यकीन नहीं होता तो इसकी एक झलक देख लीजिए।
सात समंदर पार जाने की ख्वाहिश किसकी नहीं होती, मगर विदेश यात्रा की बात करने पर ज्यादातर ने बड़े- बुजुर्गों से डांटने के अंदाज में यही कहते सुना होगा कि पहले पूरा अपना देश तो घूम लो। यह बात सही भी है, हालांकि अगर आपकी ख्वाहिश फ्रांस की सैर करने की है तो यह अपने देश में भी पूरी हो सकती है।
जी हां, भारत में भी एक 'फ्रांस' बसा है, जिसे पुडुचेरी कहते हैं। फ्रांस से आने वाले लोगों का भी यही कहना है कि इस जगह पर आकर हमें लगता ही नही कि हम भारत में हैं, क्योंकि यह जगह देखने में बिल्कुल फ्रांस जैसी ही है।वहीं भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में भी पुडुचेरी को गिना जाता है, जहां कोलाहल से दूर शांतिपूर्ण माहौल में यादगार पल बिताने का मौका मिलता है।
भारतीय प्रायद्वीप के पूर्व हिस्से में समुद्र किनारे बसा यह एक छोटा सा केंद्रशासित प्रदेश है और राजधानी दिल्ली से 2,400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस प्रदेश का इतिहास 1673 ईसवीं में फ्रेंच लोगों के आगमन से शुरू हुआ था और 1954 में यह भारतीय संघ का हिस्सा बना। पुडुचेरी की कई खासियतें हैं जिस कारण इसे भारत का फ्रांस कहा जाता है और आप यहां बिना किसी पासपोर्ट-वीजा के फ्रांस जैसा मजा ले सकते हैं।
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पुडुचेरी को एक बेहतरीन टाउन प्लानिंग के तहत बसाया गया है। फ्रांसीसियों के लिए यहां जो कॉलोनी विकसित की गई, उसे व्हाइट टाउन के नाम से जाना जाता है। पुडुचेरी आने वाले पर्यटकों के लिए ये पूरी कॉलोनी ही टूरिस्ट डेस्टीनेशन है।
चेन्नई से 135 किलोमीटर दूर स्थित पुडुचेरी का एयरपोर्ट देश के सभी महानगरों से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के कोरल मंडल समुद्री तट पर स्थित इस खूबसूरत एेेतिहासिक शहर के चप्पे-चप्पे पर फ्रांस की छाप दिखती है।
पुडुचेरी में कई महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। उनमें से सबसे खास है प्रॉमिनाड बीच पर लगी भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा। इसीलिए प्रॉमिनाड बीच को गांधी बीच भी कहा जाता है।
प्रॉमीनाड बीच पर गांधी जी की प्रतिमा के सामने ही फ्रेंच वॉर मेमोरियल भी है, जो प्रथम विश्व यु़द्ध के शहीद होने वाले फ्रांसीसी सैनिकों की याद में बनाया गया है। यहां पर हर साल 14 जुलाई को फ्रेंच सैनिकों की याद में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।
पुडुचेरी के बीच सड़क पर दिन भर चहल-चहल बनी रहती है। शाम को 6.30 बजे के बाद पर्यटकों की चहलकदमी के लिए यहां वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। बीच किनारों की इमारतों की दीवारों, बेंच, वॉलपोस्ट, आयरन ग्रिल समेत हर जगह फ्रांसीसी प्रभाव देखा जा सकता है।
पुडुचेरी में स्थित सेक्रेड हार्ट कैथोलिक चर्च दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस चर्च में तमिल और अंग्रेजी में प्रार्थना की जाती है। इस चर्च का निर्माण कार्य 1902 में प्रारम्भ किया गया था और 1907 में यह बनकर तैयार हुआ था। इसकी खास बात यह है कि यहां 2,000 लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते है।
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यहां एक बेहद प्राचीन मंदिर भी है, जो श्री गणेश का मनाकुला विलय कुलॉन मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर 1673 से भी पहले का बना हुआ है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां हाथी भक्तों से सिक्के लेकर उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं।
पुडुचेरी के पास ही यह अद्भुत मातृ मंदिर है। यह यहां से 15 किमी. दूर ऑरविल शहर का मुख्य आकर्षण केंद्र है और फरवरी 2008 में बना था। यह एक गोल सुनहरा प्रार्थना कक्ष है। इसे बनाने में 37 साल लग गए।
पुडुचेरी की सबसे पसंदीदा हैंगआउट करने वाली जगह ले कैफे है। ये सिर्फ पुडुचेरी ही नहीं बल्कि भारत की सबसे पुरानी कैफे में से एक है। समुद्र के नजारे और खिड़कियों से आती ठंडी हवा ले कैफे के माहौल को एकदम आकर्षक बना देती है।
पुडुचेरी घूमने के लिए आप वहां बाइक या स्कूटी भी किराए पर ले सकते हैं। यहां हेलमेट लगाने का नियम नहीं है। लिहाजा बिना हेलमेट लगाए आसपास के नजारों का भरपूर लुत्फ उठाते हुए बिंदास घूम सकते हैं।