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बड़ा खुलासाः टेनिस पर काले बादल, क्या फिक्स हुए थे विंबलडन के मुकाबले?

टीआइयू की ताजा रिपोर्ट ने बड़े खुलासे किए हैं। इसमें तकरीबन 53 फिक्सिंग एलर्ट मिलने की बात सामने आई है।

By Shivam AwasthiEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 05:34 PM (IST)
बड़ा खुलासाः टेनिस पर काले बादल, क्या फिक्स हुए थे विंबलडन के मुकाबले?
बड़ा खुलासाः टेनिस पर काले बादल, क्या फिक्स हुए थे विंबलडन के मुकाबले?

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। टेनिस में भ्रष्टाचार या फिक्सिंग जैसे मामलों पर अपनी नजर रखने वाली टेनिस इंटेग्रिटी यूनिट (टीआइयू) ने एक बड़ा खुलासा किया है। टीआइयू के मुताबिक हाल ही में समाप्त हुए विंबलडन टूर्नामेंट के तीन मुकाबले फिक्सिंग जांच के घेरे में हैं।

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- क्या है ताजा मामला

टाआइयू के इस ताजा खुलासे के मुताबिक विंबलडन के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के दो मुकाबले व मुख्य ड्रॉ का एक मुकाबला फिक्सिंग जांच के घेरे में है। इन सभी मैचों की ताजा रिव्यू में जांच की जाएगी और रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसमें एक मुकाबला साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन का भी शामिल है। दरअसल, इन चिन्हित मैचों में टीआइयू को बेटिंग प्रक्रिया जैसे कुछ संकेत नजर आए थे जिसकी वजह से इन्हें जांच के घेरे में लाया गया है। वैसे, जांच सिर्फ इसी बात पर निर्भर नहीं रहेगी। खेल के हालात, मैच के दौरान खिलाड़ियों को लगने वाली चोटें भी संकेत के रूप में देखे जाते हैं।

- 53 फिक्सिंग एलर्ट

ताजा खबरों के मुताबिक इतना जरूर साफ कर दिया गया है कि कोई भी ब्रिटिश खिलाड़ी इस जांच के घेरे में नहीं है। गौरतलब है कि ब्रिटेन ही इस ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का मेजबान है। इस ताजा खुलासे में भी ये भी उजागर हुआ है कि टाआइयू को तकरीबन 53 फिक्सिंग एलर्ट मिले हैं लेकिन इनमें से तकरीबन 40 एलर्ट शीर्ष स्तर पर नहीं हैं। ये निचले स्तर पर एटीपी चैलेंजर और आइटीएफ फ्यूचर सर्किट के मुकाबले हैं। पिछले महीने इसी जांच के दौरान 28 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आइसैक फ्रॉस्ट पर फिक्सिंग के आरोप लगे थे। टाआइयू की अगली रिपोर्ट अक्टूबर में जारी होनी है जिसका सबको इंतजार रहेगा।

- पिछले साल भी उठे थे सवाल

रैंकिंग में विश्व के नंबर.4 खिलाड़ी और 12 ग्रैंड स्लैम खिताबों के विजेता सर्बिया के नोवाक जोकोविक ने भी पिछले साल सनसनी फैलाई थी। जोकोविक ने खुलासा किया था कि उन्हें दस साल पहले एक मैच गंवाने के लिए दो लाख डॉलर (तकरीबन सवा करोड़ रुपये) का ऑफर दिया गया था। जोकोविक ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। जोकोविक के मुताबिक कि सट्टेबाजों ने उनकी उस सपोर्ट टीम के जरिए प्रस्ताव भेजा था जो उन दिनों उनके साथ काम कर रही थी। जोकोविक के इस खुलासे के साथ ही पिछले साल के ऑस्ट्रेलियन ओपन से ठीक पहले काफी विवाद व सवाल उठे थे। सवाल काफी गंभीर थे, एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पिछले दस सालों में 16 से 50वीं रैंकिंग के बीच के कई खिलाड़ी फिक्सिंग जांच के घेरे में थे जिसमें ग्रैंड स्लैम जीतने वाले कुछ दिग्गजों के भी नाम थे। टेनिस इंटेग्रिटी यूनिट ने इन खिलाड़ियों पर जांच भी बिठाई थी।

- भारत तक फैला है जाल, आखिर कैसे होती है ये फिक्सिंग?

बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान ऑस्ट्रिया के खिलाड़ी डेनियल कोलरर ने काफी चौंकाने वाले दावे किए थे। डेनियल वही खिलाड़ी हैं जिन पर 2011 में फिक्सिंग में लिप्त पाए जाने के बाद हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था हालांकि इन आरोपों को अस्वीकार करने के बाद मामले में काफी ट्विस्ट भी आए थे। डेनियल ने खुलासा किया था कि टेनिस में फिक्सिंग काफी आसान होती है और बिना किसी को खबर लगे मैच गंवाना बेहद आसान काम होता है। डेनियल के मुताबिक उन्हें चेन्नई में पहले राउंड में निकोले डेविडेंको के खिलाफ हारने के लिए 50 हजार डॉलर ऑफर किए गए थे। डेनियल के मुताबिक, 'खिलाड़ी फिक्सिंग को आसानी से अंजाम दे सकता है, मैच को 6-4, 6-4 जैसे स्कोर से हारो, एक ब्रेक हो, मैच में डबल फॉल्ट के जरिए आसानी से अंक गंवाओ और देखते-देखते काम हो जाएगा।'


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