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फेसबुक, ट्विटर के सर्वर भारत लाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है: संचार मंत्री

बुधवार को सरकार ने कहा कि उसने अभी तक फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइट्स के सर्वर्स भारत में स्थापित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है, यद्दपि वह सोशल नेटवर्किंग प्रमुखों के साथ हररोज बातचीत कर रही है, ताकि इंटरनेट पर अनैतिक कंटेंट हैंडल करने के मुद्दे को हल किया

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 07 May 2015 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2015 04:48 PM (IST)
फेसबुक, ट्विटर के सर्वर भारत लाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है: संचार मंत्री

बुधवार को सरकार ने कहा कि उसने अभी तक फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइट्स के सर्वर्स भारत में स्थापित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है, यद्दपि वह सोशल नेटवर्किंग प्रमुखों के साथ हररोज बातचीत कर रही है, ताकि इंटरनेट पर अनैतिक कंटेंट हैंडल करने के मुद्दे को हल किया जा सकें।

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केन्द्रीय संचार और सूचना प्रोद्दोगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने लोकसभा में लिखित रूप में कहा कि 'सरकार ने अभी तक इन लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे- हाइक, फेसबुक, ट्विटर आदि के सर्वर देश में स्थापित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।'

मंत्री ने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जब वह इन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन्स, जिन्हें विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रोवाइड किया जाता है, के साथ डील कर रहे होते है।

प्रसाद ने यह भी बताया कि व्हाट्सएप, वाइबर, वी-चैट, स्काइप, याहू और जीमेल जैसी सर्विसेज यूजर्स को ऑडियो, वीडियो, इमेज, इमेल्स और डाटा किसी भी समय और कहीं भी एक सुरक्षित तरीके से शेयर करने की इजाजत देती है। उन्होंने कहा कि इन सर्विसेज की सुरक्षा इन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी द्वारा सम्पादित की जाती है और यह सर्विसेज इंटरेनट के माध्यम से ज्यादातर विश्वभर के नागरिकों द्वारा उपयोग की जाती है, उसी समय हो सकता है कि यह सर्विसेज एन्टी-नेशनल और आपराधिक तत्वों द्वारा भी उपयोग की जाती हो, यही सुरक्षा पर खतरे का कारण बनता है। सरकार ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को आदेश दे दिया है, जिनमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स भी शामिल है, की वह व्हाट्स एप, वाइबर आदि जैसी सभी सर्विसेज के लिए कानूनी पाबंदी और मॉनिटरिंग सुविधा सुरक्षा एजेंसियों को मुहैया कराएं।

मंत्री ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां कानूनी रुप से टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली इन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन्स सर्विसेज में बाधा डालने के काबिल है, मगर वह कुछ इन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन्स को बीच में ही डीकोड करने के योग्य नहीं है।


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