Move to Jagran APP

रात को स्‍मार्टफोंस के प्रयोग से किशोरों की नींद होती है खराब

रात को एक घंटा भी टैबलेट या स्‍मार्टफोन के साथ रहना टीनेजर्स की नींद में समस्‍या पैदा करने के लिए काफी है। यह निष्‍कर्ष एक अध्‍ययन के जरिए सामने आया है।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 03:17 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 03:21 PM (IST)
रात को स्‍मार्टफोंस के प्रयोग से किशोरों की नींद होती है खराब

वाशिंगटन। रात को एक घंटा भी टैबलेट या स्मार्टफोन के साथ रहना टीनेजर्स की नींद में समस्या पैदा करने के लिए काफी है। यह निष्कर्ष एक अध्ययन के जरिए सामने आया है।

loksabha election banner

रिसर्च में यह पाया गया कि 9 से 15 वर्ष की उम्र प्यूबर्टी (यौवनावस्था) की शुरुआत में विशेषतौर पर लड़के लड़कियां रात को लाइट के प्रति संवेदनशील होते हैं।

एक लैब के प्रयोग के अनुसार, रात के समय लाइट 11 से 16 वर्षीय लड़के-लड़कियां (जो प्यूबर्टी के आरंभिक स्टेज से निकल चुके होते हैं) की तुलना में उनके नींद के समय हार्मोन ‘मेलाटोनिन’ के रिलीज को अधिक कम करते हैं।

प्रयोग के दौरान, लाइट जितनी ज्यादा तेज होती मेलाटोनिन की खपत भी उतनी ही अधिक। प्यूबर्टी के शुरुआती स्टेज में 38 बच्चों को 15 lux of light (कम रोशनी) में रखा गया और परिणामस्वरूप उनमें 9.2 प्रतिशत मेलाटोनिन की कमी देखी गयी, 150 lux (नॉर्मल रूम लाइट) में 26 प्रतिशत और 500 lux (सुपर मार्केट की तरह तेज रोशनी में 36.9 प्रतिशत की कमी हुई। पोस्ट-प्यूबर्टी स्टेज में 29 किशोर भी प्रभावित हुए लेकिन उतना अधिक भी नहीं। 15 lux की लाइट में कोई प्रभाव नहीं, 150 lux में 12.5 प्रतिशत की कमी और 500 lux में 23.9 प्रतिशत कमी पायी गयी।

शोधकर्ताओं के अनुसार, इससे लड़के व लड़कियों पर एक समान प्रभाव पड़ा।

सीनियर लेखक मैरी कार्स्कोडन ने कहा, ‘रोशनी की कम मात्रा, यानि स्क्रीन से आने वाली रोशनी नींद को प्रभावित करने के लिए काफी है।’

उन्होंने आगे बताया कि वैसे छात्र जिनके पास टीवी या कंप्यूटर्स हों, उनकी नींद प्रभावित होती ही है।

एक शोध में पाया गया कि 96 प्रतिशत टीनेजर्स सोने से पहले टेक्नोलॉजी के किसी रूप के संपर्क में होते ही हैं।

यह रिसर्च जरनल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रायनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.