स्मार्टफोन बाजार में इंडियन कंपनियों का बढ़ता दबदबा, ड्रैगन से कड़ी टक्कर
आने वाली तिमाहियों में भारतीय मोबाइल कंपनियां बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं
नई दिल्ली (साक्षी पंड्या)। भारतीय मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए एक राहत भरी खबर है। हाल ही में आईं कुछ रिपोर्ट्स इसकी पुष्टि करती हैं, कि चाइनीज मोबाइल फोन कंपनियों का प्रदर्शन बीती कुछ तिमाहियों में फीका रहा है। वहीं, कंपनियों ने भारत और इसके साथ-साथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत बनाई है। हाल ही में आई आईडीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्मार्टफोन कंपनियों ने बिक्री के मामले में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। साथ ही मोबाइल निर्माता कंपनियों की ओर से यूजर्स की जानकारी चोरी करने के शक में सरकार ने नोटिस जारी किया है। इनमें ज्यादातर चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में भारतीय मोबाइल कंपनियों के लिए आने वाली तिमाहियां बेहतर साबित हो सकती हैं।
अनुभव का हुआ भारतीय कंपनियों को फायदा:
मौजूदा समय भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के लिए कितना बेहतर? इस सवाल का जवाब देते हुए ऑल इण्डिया मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज महेन्द्रू ने कहा कि भारतीय कंपनियों को अब 7-8 वर्षों का अनुभव हो चुका है। इसी के साथ मार्किट में इतनी प्रतिस्पर्धा है की कंपनियां अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं। इस वृद्धि का सीधा कारण मार्किट की समझ, प्रतिस्पर्धी कीमतें प्रदान करना, ब्रैंड वैल्यू आदि है। प्रतिस्पर्धा दो मानकों पर चलती है- कीमत और फोन के फीचर्स। महेन्द्रू के हिसाब से जो कंपनियां इन दोनों मानकों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनाएंगी उनको अच्छे परिणाम हासिल होंगे। भारतीय कंपनियों को आने वाली तिमाहियों में उनके अनुभव का फायदा मिलेगा।
बिक्री के मामले कौन-सी कंपनियां टॉप पर:
आईडीसी की रिपोर्ट पर गौर करें तो बिक्री के मामले में अभी भी टॉप 5 में से 4 कंपनियों में चाइनीज ब्रैंड्स का ही नाम है। हालांकि, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन साउथ कोरियाई कंपनी ने अपने शीर्ष स्थान को फिर भी बनाए रखा है। वहीं, चाइनीज कंपनी शाओमी ने 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसके साथ यह कंपनी दूसरे पायदान पर पहुंच गई। शाओमी का रेडमी नोट 4 भारतीय स्मार्टफोन्स के इतिहास में किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन बन गया जिसकी बिक्री 2 मिलियन से अधिक हुई है।
वीवो 26 प्रतिशत और 13 प्रतिशत मार्किट शेयर और पिछले साल से 4 प्रतिशत ज्यादा वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा जबकि ओप्पो शिपमेंट में 13 प्रतिशत की गिरावट के बाद भी चौथे नंबर पर रहा। लेनोवो पांचवें स्थान पर रही। लेकिन चौथी तिमाही में इसके 25 प्रतिशत की शिपमेंट में कमी आई है।
इस रिपोर्ट से यह पता चलता है की भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के लिए अभी भी मार्किट प्लान पर काम करने की गुंजाइश है। लेकिन कहीं-कहीं चाइनीज कंपनियों के स्मार्टफोन्स की बिक्री में गिरावट भी देखी गई है, जिससे भारतीय कंपनियों को उपभोक्ताओं को खुद से जोड़ने का एक मौका जरूर मिल गया है।
चाइनीज कंपनियों से कड़ी टक्कर:
आईडीसी की वरिष्ठ विश्लेषक उपासन जोशी ने कहा, “भारतीय विक्रेताओं नें रिकवरी के शुरुआती संकेत दिए हैं। जहां भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने 4G हैंडसेट प्लान को लेकर तैयार है। वहीं, चाइनीज प्रतिद्वंदियों ने एक नए सेट 150 डॉलर के सेगमेंट में कदम जमाने शुरू किए हैं। ऐसे में भारतीय स्मार्टफोन कंपनियों की चाइनीज कंपनियों से कड़ी टक्कर है। ऐसा इसलिए क्योंकि चाइनीज कंपनियां भारतीय कंपनियों से एक कदम आगे का सोच कर चल रही हैं। इसी के साथ वह उपभोक्ता की मांग पर कार्य कर रही है। चाइनीज कंपनियों की कम कीमत में अच्छे फीचर्स देने की रणनीति कार्य कर रही है। ऐसे में भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के सामने अभी भी बड़ा लक्ष्य है।
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