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अब ‘आत्‍महत्‍या’ को भी रोकेगा फेसबुक

लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आने वाले महीनों में अतिसंवेदनशील आस्ट्रेलियाई यूजर्स के लिए आत्महत्या जैसे अपराधों पर रोक लगाने व सहायता के लिए टूल्‍स लेकर आयी है। अमेरिका में हाल ही में इसका खुलासा किया गया, और इस पहल का स्वागत मेंटल हेल्थ ग्रुप ने भी किया।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 01:48 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 01:53 PM (IST)
अब ‘आत्‍महत्‍या’ को भी रोकेगा फेसबुक

नई दिल्ली। लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आने वाले महीनों में अतिसंवेदनशील आस्ट्रेलियाई यूजर्स के लिए आत्महत्या जैसे अपराधों पर रोक लगाने व सहायता के लिए टूल्स लेकर आयी है। अमेरिका में हाल ही में इसका खुलासा किया गया, और इस पहल का स्वागत मेंटल हेल्थ ग्रुप ने भी किया।

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यूजर्स द्वारा किए गए ऐसे पोस्ट्स फेसबुक के द्वारा रिव्यू की जाएगी, जहां से ऑरिजनल पोस्टर को प्रोफेशनल मदद के पास भेजा जाएगा, ताकि कोई भी मदद या सलाह मिल सके।

आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पुलिस हेड मी गार्लिक ने कहा कि कंपनी आत्महत्या रोकथाम के लिए जवान और वेल कॉपरेटिव रिसर्च सेंटर के साथ काम कर रही है। जितने भी क्लीनिकल एक्सपर्ट्स है, उनसे सभी तरह के मजबूत और प्रभावशाली फीडबैक लिए जा चुके हैं।

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भी अपने कैंपेन के द्वारा बदमाशी से निपटने के लिए पिछले हफ्ते पहली बार क्वींसलैंड में छात्रों और अध्यापकों के साथ के वर्कशॉप आयोजित की।

गार्लिक ने कहा कि बदमाशी की शुरुआती ऑनलाइन रिपोर्ट्स यूएस, आईलैड और भारत में टीम के दवारा चौबीसों घंटे हैंडल की जाएंगी । उनमें भी आस्ट्रेलियन स्टाफ होगा, जो जरुरत पड़ी तो पुलिस के साथ काम करेगा।

यद्दपि गार्लिक ने कहा कि सोशल नेटवर्क बुलिंग शिकायतों के आंकडें नहीं रखता, ये केवल डाटा लेता है कि कौन दोषी और कौन पीड़ित था।

उन्होंने कहा, हमारे पास वो आंक़ड़े नहीं होते और मुझे नहीं लगता कि आंकड़ें हमें कहानी को बताने में कोई मदद कर भी सकते है। कोई भी व्यक्ति जिसे प्रताडित किया जा रहा है, वो एक बेहद कठिन और बुरी स्थिति में होता है। ऐसे में आंकड़े कोई मदद नहीं कर सकते। हम सब बस यही चाहते है कि हमेशा इसप्रकार की होने वाली परेशानियों का हल निकालें और ये सुनिश्चित करें कि इस प्रकार के लोगों को सहायता मिल सकें।

गार्लिक ने कहा कि हम बुलिंग और डराने-धमकाने वाले कंटेंट पर काम करते है और 24 घंटे के भीतर एक्शन लेतें हैं।

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