Move to Jagran APP

हेल्थकेयर बिजनेस में फेसबुक का प्रवेश!

फेसबुक आपके दोस्तों को जानता है साथ ही उन चीजों के बारे में भी अच्छे से जानता है जो आपका ध्यान आकर्षित करते हैं और अब वह आपके हेल्थ के बारे में जान सकेगा। फेसबुक ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है हालांकि अभी इस योजना पर काम की शुरुआत हुई है।

By Edited By: Published: Sat, 04 Oct 2014 01:40 PM (IST)Updated: Sat, 04 Oct 2014 01:40 PM (IST)
हेल्थकेयर बिजनेस में फेसबुक का प्रवेश!

नई दिल्ली। फेसबुक आपके दोस्तों को जानता है साथ ही उन चीजों के बारे में भी अच्छे से जानता है जो आपका ध्यान आकर्षित करते हैं और अब वह आपके हेल्थ के बारे में जान सकेगा।

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक फेसबुक ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया है हालांकि अभी इस योजना पर काम की शुरुआत हुई है। कंपनी ऑनलाइन 'सपोर्ट कम्युनिटी' बनाएगी जिससे विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे फेसबुक यूजर जुड़ पाएंगे। फेसबुक की एक छोटी टीम नए 'प्रिवेंटेटिव केयर' एप्लीकेशन पर विचार कर रही है जिससे लोगों की लाइफस्टाइल में सुधार आए।

सूत्रों की मानें तो हाल के महीने में सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, उद्यमियों के साथ बैठक की है और वह हेल्थ एप के शोध और विकास के लिए एक इकाई बना रही है। लोगों का कहना है कि फेसबुक फिलहाल लोगों के विचारों और सुझावों पर विचार कर रही है। वैसे फेसबुक को पहले से ही स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में दिलचस्पी रही है। फेसबुक के अधिकारियों को यह महसूस होता है कि स्वास्थ्य सेवा की वजह से इस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर ज्यादा लोग आएंगे।

फेसबुक ने वर्ष 2012 में अंगदान क्षेत्र के लिए एक विशेष पहल की थी और यह अभियान सफल भी रहा था। केवल अमेरिका में ही 13,054 लोगों ने अंगदान के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। फेसबुक की प्रोडक्ट टीम ने यह नोटिस किया है कि पुरानी बीमारियों मसलन डायबिटीज आदि से ग्रस्त लोग सलाह के लिए फेसबुक पर जा सकते हैं। इसके अलावा इस वेबसाइट पर मरीजों के नेटवर्क मसलन पेशेंटलाइकमी की बढ़ती तादाद से यह अंदाजा मिलता है कि लोग बड़े आराम से किसी बीमारी के लक्षण और उपचार से जुड़े अनुभवों को ऑनलाइन साझा कर रहे हैं।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग भी निजी तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में दिलचस्पी ले सकते हैं। जुकरबर्ग और उनकी पत्नी ने हाल ही में ईस्ट पाओलो अल्टो में रैवेंसवुड हेल्थ सेंटर को 50 लाख डॉलर का दान दिया है। दवा कंपनियों को भी अपनी दवाइयों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल करने से मना किया गया है। गोपनीयता बरकरार रखने को लेकर कंपनी को कई तरह की आलोचना का सामना करना पड़ा है और यह इसके लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। शोध के लिए न्यूज फीड का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करने के लिए इस हफ्ते कंपनी ने यूजरों से माफी भी मांगी है। हालांकि स्वास्थ्य से जुड़ी पहल के मद्देनजर फेसबुक ने गोपनीयता के पहलू पर ज्यादा जोर देने का मन बनाया होगा।

पढ़ें: पीएम से मिलेंगे फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग

पढ़ें: सुरक्षा कारणों से चीन में बंद हुआ इंस्टाग्राम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.